संतान लड़का होगा या लड़की – चायनीज विधि
संतान लड़का होगा या लड़की यह जानने की कई विधियां हैं। हालांकि मेडिकल तरीके से होने वाली संतान का पता करना गैरकानूनी है, फिर भी लोग अपने अपने तरीके से कयास लगाने का प्रयास करते हैं। भारत में जहां सामुद्रिक लक्षणों और संकेतों के आधार पर सैकड़ों विधियां प्रचलित है, वहीं चीनी लोगों ने भी इसकी एक विधि विकसित की थी।
सैकड़ों साल पुरानी चाइनीज विधि के बारे में कहा जाता है कि वहां के राजवंश इस पर बहुत अधिक यकीन रखते थे और आज भी वहां के लोग इस विधि के अनुसार संतान निर्धारण का प्रयास करते हैं। इस विधि की सफलता की दर बहुत अधिक नहीं है, फिर भी आप अपने स्तर पर पता करने का प्रयास कर सकते हैं कि माता के गर्भ में पल रहा बच्चा कोई ईश्वर के आशीर्वाद के रूप में सुंदर परी सी कन्या है या वंश को आगे बढ़ाने वाला पुत्र।
कहानियों के अनुसार करीब 300 साल पहले शिंग पैलेस के खजाने में यह विधि रखी थी। इसे ई चिंग और टाइम प्रोजेक्शन के साथ तैयार किया था। राजवंश अपने उत्तराधिकारियों के लिए इस विधि का उपयोग करते थे। बॉक्सर आंदोलन के दौरान शिंग का खजाना लूट लिया गया था। बाद में अन्य खजाने की वस्तुओं के साथ यह विधि पत्र भी इंग्लैंड पहुंचा। वहां रॉयल फैमिली ने सालों तक इसे दबाए रखा और डिकोड करने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए। बाद में ऑस्ट्रिया के विशेषज्ञों को इसे समझने के लिए भेजा गया, अंतत: चाइनीज विशेषज्ञों की मदद से इसका राज खोला गया। बाद में यह विधि पुन: चीन पहुंची।
इस विधि के अनुसार 18 से 45 वर्ष तक की विवाहित महिलाओं की उम्र और गर्भ ठहरने के महीने के अनुसार पता किया जाता है कि नौ महीने पूर्ण होने पर संतान कन्या होगी या बालक। उदाहरण के तौर पर अगर 24 साल की महिला को मई माह में गर्भ ठहरता है तो उसके कन्या होने की संभावना सर्वाधिक है। इसी प्रकार अगर 22 साल की महिला को फरवरी माह में गर्भ ठहरता है तो पुत्र संतति की प्राप्ति होगी। इस प्रकार आप अपनी उम्र और गर्भ धारण के माह के अनुसार ज्ञात करते हैं कि आपके कौनसी संतान होगी।
नोट : इस विधि के सहायता से संतान के बारे में आप स्वयं पता कर सकते हैं। अगर आप हमारी सेवाएं लेना चाहते हैं तो स्पष्ट किया जाता है कि हम संतान के लिंग के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं देते हैं, केवल परम्परागत ज्योतिष के अनुसार संकेत बताया जाता है, इसके लिए 1100 रुपए फीस निर्धारित है। कृपया फीस जमा करने के बाद ही प्रश्न प्रेषित करें।