अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का जन्म इटली के लुसियाना प्रांत में 9 दिसम्बर 1946 को रात साढ़े नौ बजे हुआ बताया जाता है। इससे कर्क लग्न और लग्न में वक्री शनि की कुण्डली बनती है। वर्तमान में सोनिया गांधी की केतू की महादशा चल रही है और जुलाई 2015 से अगस्त 2016 के बीच केतू की महादशा में राहु का अंतर चल रहा है। यह समय निश्चय ही सोनिया गांधी के लिए बहुत कठिन समय है। इसके बावजूद तात्कालिक प्रश्न बताता है कि वर्ष 2016 सोनिया गांधी के लिए उतना बुरा नहीं है, जितना दिखाई दे रहा है।
तात्कालिक प्रश्न के फल के अनुसार श्रीमती गांधी पार्टी के पद पर बनी रहेंगी, यानी पार्टी में बदलाव को जो कयास लगाए जा रहे हैं वे निर्मूल साबित होंगे। इसके साथ ही दो बातें और पूरी तरह स्पष्टता से दिखती हैं कि इस अवधि में न तो उन्हें जेल होने की कोई आशंका है और मान मर्दन होने की। सोनिया गांधी की कुण्डली में ग्यारहवें भाव में बैठा राहु उन्हें राजनीति के क्षेत्र में सशक्त स्थिति में लेकर आता है।
इसके साथ ही एक संकेत यह भी मिलता है कि श्रीमती गांधी को किसी प्रकार की दैवीय सहायता भी मिलती है। तात्कालिक प्रश्न से उन्हें 4 अंक मिलता है, जो यह बताता है कि वर्तमान में सोच पर ग्रहण लगा होने के बावजूद दैवीय सहायता उन्हें बचाए हुए है। अपने पुत्र की प्रगति के लिए किए जाने वाले सभी प्रयास इस वर्ष भी नाकाम सिद्ध होने की आशंका बनी हुई है। लग्न कुण्डली में पंचम भाव में बुध, केतू और सूर्य की स्थिति पुत्र के बहुत अधिक विकास का संकेत नहीं करती है। ऐसे में पार्टी का दारोमदार अंतत: श्रीमती गांधी के कंधे पर ही रहने की संभावना बनी हुई है।
प्रश्न फल के निर्णय के तौर पर कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष अपने पद पर बनी रहेंगी, चिंताएं बनी रहेंगी, पुत्र का विकास नहीं होगा और जेल व मान मर्दन से बची रहेंगी।