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शनि के लिए मंत्र Shani Ke liye Mantra

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शनि देव के नाम से अधिकांशत: लोग भयभीत ही रहते है. जबकि सच्चाई यह है कि शनिदेव कर्मों को कराकर फल देते हैं. मेहनत तथा परिश्रम कराते हैं. जन्म कुण्डली में शनि की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही हो या शनि की साढ़ेसाती अथवा शनि की ढैय्या का प्रभाव चल रहा हो तब शनि के मंत्र जाप अवश्य करने चाहिए.

शनि के किसी भी मंत्र का जाप किया जा सकता है. मंत्र जाप की संख्या 23 हजार है और मंत्र जाप संध्या समय में किया जाता है. 23 हजार मंत्रो का जाप आप अपने द्वारा निर्धारित समयावधि में पूर्ण कर सकते हैं. एक बार जब 23 हजार मंत्र जाप पूर्ण हो जाए तब दशांश हवन करना चाहिए. दशांश हवन का अर्थ है कि जाप संख्या के दस प्रतिशत मंत्र जाप हवन करते हुए करने चाहिए. उसके बाद नियमित रुप से शनि के मंत्र की एक माला संध्या समय में करनी चाहिए.

शनि वैदिक मंत्र – Vedic Mantra for Saturn

ऊँ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये । शं योरभि स्रवन्तु न: ।

नाम मंत्र – Naam Mantra for Saturn

ऊँ शं शनैश्चराय नम:

शनि के लिए तांत्रोक्त मंत्र – Tantrokta Mantra for Saturn

ऊँ ऎं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नम:
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:
ऊँ क्लीं क्लीं शनये नम:

शनि का पौराणिक मंत्र – Poranik Mantra for Saturn

ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसंभुतं नमामि शनैश्चरम


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