होम Astrology Kundli Horoscope आपके टीके के आगे सब फीके : Tantra Mantra yantra

आपके टीके के आगे सब फीके : Tantra Mantra yantra

Tantra Mantra Yantra Solar eclipse Lunar eclipse 2018 sootak sutak सूर्य ग्रहण चंद्र ग्रहण सूतक

आपके टीके के आगे सब फीके : Tantra Mantra Yantra

सफेद गुंजा की जड़ को घिस कर माथे पर तिलक लगाने से आपके नेटवर्क में शामिल लोग आपके वशीभूत हो जाते हैं। इसका अर्थ है कि आपका व्यक्तित्व उनके लिए विरोधाभासी नहीं रह जाएगा।


यदि सूर्य ग्रहण के समय सहदेवी की जड़ और सफेद चंदन को घिसकर व्यक्ति तिलक लगाए तो जिससे भी बात करेंगे, वह आपके सुर में सुर मिलाना शुरू कर देगा। राई और प्रियंगु को (ह्रीं) मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करके किसी के ऊपर डाल दें तो वह वश में हो जाएगा। शनिवार के दिन सुंदर आकृति वाली एक पुतली बनाकर उसके पेट पर इच्छित स्त्री या व्यक्ति का नाम लिखकर उसी को दिखाएं, जिसका नाम लिखा है। फिर उस पुतली को छाती से लगाकर रखें। इससे वह वशीभूत होने लगता है।


बिजौरे की जड़ और धतूरे के बीज को प्याज के साथ पीसकर जिसे सुंघाया जाए, वह वशीभूत हो जाएगा। नागकेसर को खरल में कूट छानकर शुद्ध घी में मिलाकर यह लेप माथे पर लगाने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है। नागकेसर, चमेली के फूल, कूट, तगर, कुंकुंम और देशी घी का मिश्रण बनाकर किसी प्याली में रख दें। लगातार कुछ दिनों तक नियमित रूप से इसका तिलक लगाते रहने से वशीकरण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है।


शुभ दिन एवं शुभ लग्न में सूर्योदय के पश्चात उत्तर की ओर मुंह करके मूंगे की माला से निम्न मंत्र का जप शुरू करें। ३१ दिनों तक तीन माला का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्ध करके वशीकरण तंत्र की किसी भी वस्तु को टोटके के समय इसी मंत्र से २१ बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति पर प्रयोग करें। अमुक के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें। वह व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा। मंत्र इस प्रकार है-ऊँ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुक महीपति मे वश्यं कुरू कुरू स्वाहा।


रवि पुष्य योग (रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र) में गूलर के फूल एवं कपास की रूई मिला कर बत्ती बनाएं तथा उस बत्ती को मक्खन से जलाएं। फिर जलती हुई बत्ती की ज्वाला से काजल निकालें। इस काजल को रात में अपनी आंखों में लगाने से जिनसे आपको काम है, आप उनसे अपना काम निकलवा सकते हैं। ऐसा काजल किसी को नहीं देना चाहिए।


अनार के पंचांग में सफेद घुघची मिला-पीसकर तिलक लगाने से जरूरी व्यक्ति वश में हो जाता है। कड़वी तूंबी (लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार करें। इसे आंखों में लगाकर देखने से वशीकरण हो जाता है।


बिल्व पत्रों को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पीस लें। इसका तिलक करके साधक जिसके पास जाता है, वह वशीभूत हो जाता है। कपूर तथा मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक लगाने से साधक को जो भी देखता है, वह वशीभूत हो जाता है।


केसर, सिंदूर और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर तिलक लगाने से देखने वाले वशीभूत हो जाते हैं। श्मशान में जहां अन्य पेड़ पौधे न हों, वहां लाल गुलाब का पौधा लगा दें। इसका फूल पूर्णमासी की रात को ले आएं। जिसे यह फूल देंगे, वह वशीभूत हो जाएगा। शत्रु के सामने यह फूल लगाकर जाने पर वह अहित नहीं करेगा।


अमावस्या की रात्रि को मिट्टी की एक कच्ची हंडिया मंगाकर उसके भीतर सूजी का हलवा रख दें। इसके अलावा उसमें साबुत हल्दी का एक टुकड़ा, ७ लौंग तथा ७ काली मिर्च रखकर हंडिया पर लाल कपड़ा बांध दें। फिर घर से कहीं दूर सुनसान स्थान पर वह हंडिया धरती में गाड़ दें और वापस आकर अपने हाथ-पैर धो लें। ऐसा करने से प्रबल शत्रु पर भी वशीकरण होता है।


प्रातःकाल काली हल्दी का तिलक लगाएं। तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगली का रक्त लगाने से प्रबल वशीकरण होता है।


कौए और उल्लू की विष्ठा को एक साथ मिलाकर गुलाब जल में घोटें तथा उसका तिलक माथे पर लगाएं। अब जिसके सम्मुख जाएंगे, वह सम्मोहित होकर जान तक न्योछावर करने को उतावला हो जाएगा।


(टोटकों के बारे में उनके उद्गम का कोई प्रामाणिक साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। यह शास्त्रों से भी परे की चीज है, पर इनका इस्तेमाल सैकड़ों सालों से हो रहा है। सबके अपने अनुभव हैं। हालांकि इन्हें अंधविश्वास की श्रेणी में माना जाता है, पर जब भी लोग मुसीबत में फंसते हैं और तमाम तरह के इलाज निष्प्रभावी हो जाते हैं तो उनका झुकाव इस ओर होता है। इस समय की दुनिया तो बड़ी पाखंडी है। चुपचाप ज्यादातर लोग कुंडली दिखाते हैं, टोटका करते हैं और सबके सामने ज्योतिष व ऐसे उपायों को कोसते हैं। हम यहां ऐसे टोटके वाले उपाय दे रहे हैं, जिनको पहले काफी लोगों ने आजमाया है। दरअसल ये उन्हीं से एकत्रित किए गए हैं। आप भी इनका प्रयोग अपने आड़े समय में कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इनका प्रयोग अनुचित कार्यो में कदापि न किया जाए।)

केपीएएस डेस्क