बाधा निवारण के टोटके
बाधा निवारण के टोटके : सामान्य तौर पर सामने आने वाली समस्याओं का हम खुद समाधान कर सकते हैं, लेकिन कई बार ऐसी बाधा आती है, जिसका कोई निराकरण फौरी तौर पर दिखाई नहीं देता है। हालांकि समय सभी समस्याओं का समाधान है, बुरा समय बीतने के साथ ही अधिकांश समस्याओं का स्वत: समाधान हो जाता है, लेकिन कई बार हमें तत्काल मदद की जरूरत पड़ती है, ताकि तात्कालिक समस्या का समाधान कर हम आगे बढ़ सकें।
यहां ऐसे कुछ टोटके दिए जा रहे हैं, जो बाधाओं का तत्काल समाधान पेश करते हैं। इनमें से कुछ तंत्र साहित्य से लिए गए हैं, कुछ ज्योतिषीय पुस्तकों में दिए गए अभ्यासों से तो कुछ लोकमानस के उपचार हैं। इन सरल उपचारों को कर आप फौरी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
बाधा निवारण मन्त्र
सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन – धान्य सुतान्वित:
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:
- विवाह में आने वाली बाधा दूर करने के लिए : 36 लौंग और 6 कपूर के टुकड़े लें, इसमे हल्दी और चावल मिलाकर इससे माँ दुर्गा को आहुति दें।
- अगर आपको संतान प्राप्ति नहीं हो रही है तो आप लौंग और कपूर में अनार के दाने मिला कर माँ दुर्गा को आहुति दे जरुर लाभ होगा।
- अगर आप का कारोबार ठीक से नहीं चल रहा है तो दूर करने के लिये लौंग और कपूर में अमलताश के फूल मिलाये, अगर अमलताश नहीं है तो कोई भी पीला फूल मिलाये माँ दुर्गा को आहुति दें।
- जिन लोगों की विदेश यात्रा में कठिनाई या बाधा आ रही है वो मूली के टुकड़ों को हवन सामग्री में मिला लें और हवन करें।
- अगर किसी को स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी हो तो 152 लौंग और 42 कपूर के टुकड़े ले लें इसमे नारियल की गिरी सहद और मिश्री मिला ले इससे हवन करें।
- सम्पति सम्बन्धी बाधाओं को दूर करने के लिये लौंग और कपूर में गुड और खीर मिलाकर माँ दुर्गा को आहुति दे।
- अगर आप भूत-प्रेत के साये में है : 152 लौंग लीजिये। 42 कपूर के टुकड़े लेकर उसमे जटामाशी मिलाकर माँ दुर्गा को आहुति दें।
सरसो के तेल में सिके गेहूं के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूए, सात मदार (आक) के फूल, सिंदूर, आटे से तैयार सरसो के तेल का दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात में किसी चौराहे पर रख कर कहें -‘हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूं कृपा करके मेरा पीछा ना करना।’ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
परेशानी से मुक्ति के लिए : एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें ! उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय ! प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें ! धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी।
बनता काम बिगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेशानी हो तो : हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी प्रशाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें।
बच्चों का पढ़ाई में मन न लगता हो, बार-बार फेल हो जाते हों, तो यह सरल सा टोटका करें- शुक्ल पक्ष के पहले बृहस्पतिवार को सूर्यास्त से ठीक आधा घंटा पहले बड़ के पत्ते पर पांच अलग-अलग प्रकार की मिठाईयां तथा दो छोटी इलायची पीपल के वृक्ष के नीचे श्रद्धा भाव से रखें और अपनी शिक्षा के प्रति कामना करें। पीछे मुड़कर न देखें, सीधे अपने घर आ जाएं। इस प्रकार बिना क्रम टूटे तीन बृहस्पतिवार करें। यह उपाय माता-पिता भी अपने बच्चे के लिये कर सकते हैं।
सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।
किसी शनिवार को, यदि उस दिन `सर्वार्थ सिद्धि योग’ हो तो अति उत्तम सांयकाल अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें। उसे स्वच्छ जल से धोकर पोंछ लें। तब पत्ते पर अपनी कामना रुपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और कामनाओं की पूर्ति होती है।
प्रत्येक प्रकार के संकट निवारण के लिये भगवान गणेश की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे और रात को सोते समय थोड़ी जावित्री खाकर सोवे। यह प्रयोग 21, 42, 64 या 84 दिनों तक करें।
आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें। शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें।
संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का क्षय होता है।
मानसिक परेशानी दूर करने के लिए : रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें, प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें, अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें।
डिस्क्लेमर : कुछेक प्रयोग लेखक द्वारा किए गए हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश प्रयोग या तो लोक मानस में बसे हुए प्रयोग हैं तो कुछ प्रयोग तंत्र साहित्य की पुस्तकों से भी लिए गए हैं। समय समय पर इन प्रयोगों ने जातकों को धन की समस्या से मुक्त होने में मदद की है। आप भी इन सरल प्रयोगों को अपने स्तर पर कर सकते हैं, लेकिन लेखक किसी भी प्रयोग को लेकर किसी प्रकार का दावा नहीं करता है। आप जो भी प्रयोग करें, अपने स्तर पर अपने निर्णय से करें।