face reading
कहते हैं किसी इंसान को देखकर ही उसकी चारित्रिक विशेषताओं का आकलन किया जा सकता है। चेहरा हमारे व्यक्तित्व और स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है। मन के भीतर जो भाव चलते हैं, वही चेहरे पर प्रतिबिंबित होते हैं। आइए जानते हैं कि ज्योतिष के आधार पर मस्तक और बाल की प्रकृति से कैसे की जाती है व्यक्ति की पहचान।
हर व्यक्ति का चेहरा अलग-अलग होता है और यह उसकी पहचान भी होती है। किसी का चेहरा काफी बड़ा होता है, जिसे देखकर आप मन ही मन कहते होंगे कि ‘देखो तो शेर जैसा दिखता है।’ किसी का चेहरा हाथी की सूंड जैसा लटका हुआ प्रतीत होता है। चेहरे की यह बनावट सिर्फ पहचान के लिए नहीं होती, बल्कि इससे यह जान सकते हैं कि व्यक्ति धनवान होगा, भाग्यहीन अथवा चोर।
भविष्य पुराण में ब्रह्माजी, कुमार कार्तिकेय को समुद्रशास्त्र का रहस्य बताते है कि जो व्यक्ति पूर्णिमा के पूर्ण चन्द्रमा के समान उज्जवल छवि वाला होता है, वह धर्मात्मा होता है। जिनका चेहरा सूंड की आकृति का होता है, वह भाग्यहीन होता है। ऐसे व्यक्ति को बार-बार संघर्ष करना पड़ता है। अगर किसी से कह दें कि आपका चेहरा बंदर या बकरी जैसा दिखता है तो वह आपको मारने दौड़ेगा। अगर कहें कि आपका चेहरा शेर जैसा है तो वह खुश हो जाएगा। लेकिन समुद्रशास्त्र के अनुसार स्थिति इसके विपरीत है। जिन लोगों का चेहरा बंदर या बकरी जैसा दिखता है, वह खुशनसीब होते हैं। ऐसे व्यक्ति के पास काफी मात्रा में धन होता है। जबकि शेर जैसे दिखने वाले व्यक्ति पर आंख बंद करके यकीन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनमें चोरी करने की प्रवृति होती है। हालांकि शेर, बाघ और हाथी जैसे गाल वाले व्यक्ति विभिन्न प्रकार के भोग और संपत्तियों को प्राप्त करने वाले होते हैं। हाथी के समान भरे हुए मुख वाला व्यक्ति राजा के समान सुख और वैभव प्राप्त करता है।
समुद्रशास्त्र के अनुसार जिनका मुख बड़ा होता है, उनका दुर्भाग्य उनके साथ-साथ चलता है। ऐसे लोगों को सफलता कठिनाई से मिलती है, जबकि छोटे मुख वाला व्यक्ति मितव्ययी होता है। इनमें संचय करने की प्रवृति होती है। चौकोर चेहरे वाला व्यक्ति बहुत ही चालाक होता है। जिस पुरूष का चेहरा स्त्री की तरह दिखता है, उसे पुत्र सुख की प्राप्ति में बाधा आती है। इसी प्रकार लंबे चेहरे वाले व्यक्ति को भी पुत्र सुख में कमी का सामना करना पड़ता है। गुलाबी और कांतिवान चेहरे वाले व्यक्ति भी धन और सुख प्राप्त करते हैं।
आइए जानते हैं ज्योतिष के आधार पर मस्तक और बाल की प्रकृति से कैसे की जाती है व्यक्ति की पहचान। उन्नत ललाट (ऊंचा माथा)-सौभाग्य एवं धनवृद्धि का सूचक है। ऐसा मस्तक व्यक्ति को तेजस्वी तथा बुद्धिमान दर्शाता है।
दबा हुआ ललाट- यदि किसी व्यक्ति का माथा मध्य में दबा हुआ हो, मस्तक उभरा हुआ तथा बाल छोटे हों तो वह बड़ा भाग्यवान होता है। समाज में सम्मान पाता है तथा कुशाग्र बुद्धि होता है।
मोटे ललाट छोटे बाल- जिस व्यक्ति का सिर मोटा हो, मस्तक उभरा हुआ तथा बाल छोटे हों, वह बड़ा भाग्यवान होता है। समाज में सम्मान पाता है तथा कुशाग्र बुद्धि होता है।
खल्वाट सर- यानी किसी व्यक्ति के सिर के अग्र भाग में बाल न हों और बालों की लहर पीछे की ओर हो, वह व्यक्ति धनवान, युक्तिशील, चतुर तथा प्रत्येक कार्य में सिद्धि पाने वाला होता है।
चोटी में सफेद बाल- ऐसे व्यक्ति में अद्भुत वाक्-शक्ति होती है, प्रभावशाली भाषण द्वारा जनता को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। वह चतुर एवं अहंकार से युक्त होता है।
सिर पर बालों की चोटी- ऐसा व्यक्ति धार्मिक आचरण वाला तथा ईश्वर ज्ञान की लालसा रखने वाला होता है। आंतरिक दृष्टि से रहस्यवादी होता है।
मुलायम बाल- सिर पर कोमल तथा मुलायम बालों का होना सौभाग्य को प्रकट करता है।
माथा बहुत छोटा तथा गड्ढेदार- ऐसा चिह्न दुर्भाग्य तथा धनहानि का सूचक है। ऐसे व्यक्ति प्राय: संकीर्ण विचारों के होते हैं, मन की गांठ नहीं खोलते।
सुंदर चेहरा छोटा मस्तक- ऐश्वर्य, धन तथा भोग वृत्ति को दर्शाता है। ऐसा व्यक्ति धर्म एवं शुभ कार्यों से वंचित होता है।
बड़ा मस्तक सुंदर चेहरा- दिव्य ज्ञान से युक्त व्यक्ति होता है। लोक कल्याणकारी होता है तथा परोपकार के लिए धन का संचय करता है।
मध्य से अधिक उभरा मस्तक- ईश्वर की दिव्य शक्ति को दर्शाता है। ऐसा व्यक्ति आदर्श जीवन व्यतीत करता है।
नासिका- लंबी नासिका जो अग्रभाग से छोटी हो, ऐसा व्यक्ति अहंकारी होता है। हर काम स्वार्थ एवं चतुराई से करता है। जिस व्यक्ति की नासिका आगे से बड़ी हो तथा नथुने कुछ खुले हो, वह धनवान, समाज में प्रतिष्ठा पाने वाला तथा स्त्री पक्ष की ओर से अधिक सुख भोगने वाला होता है।
लेखिका शिप्रा द्विवेदी
केपी एस्ट्रो साइंस