गुरु का कन्या राशि में गोचर jupiter transition to virgo sign
गुरु आखिर 11 अगस्त को कन्या राशि में आ गया है, इससे अर्से तक सिंह राशि में बना हुआ गुरु चाण्डाल योग भी समाप्त हो गया है। मेष, सिंह और धुन राशियों पर चाण्डाल योग का खराब प्रभाव पड़़ रहा था, वहीं अब कन्या के गुरु के दौरान वृषभ, मकर, कन्या, धनु और मीन राशियों के जातकों को अनुकूल परिणाम मिलेंगे।
गोचर के लिहाज से देखा जाए तो गुरु का केवल एक राशि से दूसरी राशि में विचरण का प्रभाव ही पर्याप्त नहीं है। इसके लिए हमें वृहस्पति वर्ष भी देखना होता है। इस साल वृहस्पति वर्ष 10 अक्टूबर को शुरू होगा। यह वृहस्पति का अश्वयुज वर्ष है।
गोचर का भारतवर्ष पर मण्डेन प्रभाव देखा जाए तो अश्वयुज वृहस्पति वर्ष में बहुत वृष्टि, सर्वथा सानन्द प्रजा, सब प्राणियों में प्राणसंचय, अत्यधिक बल की वृद्धि और अन्न की अधिकता बताई गई है। अक्टूबर 2016 से सितम्बर 2017 के बीच हमें गोचर गुरु के बेहतरीन परिणाम अन्न, जल और संसाधनों में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिलेंगे।
ज्योतिषीय कारकत्वों के अनुसार सिंधु नदी के पूर्व भाग, मथुरा के पश्चिमार्द्ध, सौवीर, उत्तर दिशा में रहने वाले, विपाशा नदी, शतद्रू नदी, रमठ, शाल्व, त्रैगर्त, पौरव, अम्बष्ठ, पारत, वाटधान, यौधेय, सारस्वत, अर्जुनायन और मत्स्य देशों के गांव और आधा राष्ट्र वृहस्पति ग्रह के प्रभाव में होते हैं। आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में अनुकूलताएं बढ़ेंगी।
हाथी, घोड़ा, पुरोहित, राजा, मंत्री, मांगलिक कार्य (सामाजिकता) में लगे, पौष्टिक कार्यों में लगे, दयालु, सत्यभाषण करने वाले, शौचयुक्त (दूसरे का धन नहीं चाहने वाले), तपस्वी, विद्वान, दानी, धर्मी, ग्राम में उत्पन्न होने वाले, वैयाकरण, अर्थ को जानने वाले, वेद को जानने वाले, अभिचारज्ञ, नीतिशास्त्र को जानने वाले एवं राजा के उपकरण भी वृहस्पति ग्रह के अधीन होते हैं। इन सभी लोगों के शुभ कार्यों में तेजी से बढ़ोतरी होगी।
छत्र, ध्वजा, सुगंध द्रव्य, रस, नमक, मूंग, मधुर रस, मोम, चोरक आदि द्रव्यों के उपयोग और साधनों में अश्वयुज गुरु के एक वर्ष के काल में बढ़ोतरी होने के संकेत हैं।
राशिवार विवरण (चंद्र राशि के अनुसार)
मेष राशि : अब तक पंचम भाव में चाण्डाल योग के कारण पीड़ा बनी हुई थी, गुरु के कन्या में गोचर के दौरान पुराने ऋण चुकाने की स्थितियां बनेंगी और मांगलिक कार्यों के लिए और ऋण लेने की सूरत बन सकती है।
वृषभ राशि : बच्चों से संबंधित मांगलिक कार्यों में इस साल व्यस्त रहेंगे। उत्पादन से जुड़े लोगों के लिए कुछ कठिन समय होगा, गुरु की दशा अथवा अंतरदशा इस साल होने पर प्रभाव अधिक प्रबलता से दिखाई देंगे।
मिथुन राशि : पिता एवं राज्य द्वारा सहयोग मिलने की स्थितियां बनेंगी। माता तथा मकान के सुख में वृद्धि होगी। बाहरी संबंधों का लाभ मिलेगा और व्यापार में उन्नति होने की स्थितियां बनेंगी।
कर्क राशि : पराक्रम में बढ़ोतरी होगी और सहोदरों का सुख मिलेगा। स्त्री एवं व्यवसाय पक्ष में कुछ हानि होने की स्थितियां बनेंगी। अपने ईष्टदेव के मंदिर नियमित रूप से जाने पर लाभ होगा।
सिंह राशि : धन और कुटुम्ब के सुख में वृद्धि होगी। संतान पक्ष से कष्ट की स्थितियां बन रही हैं। शत्रुओं और ननिहाल पक्ष से कुछ नुकसान हो सकता है, ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।
कन्या राशि : संतान और बुद्धि यानी मेधा से संबंधित समस्याएं खड़ी हो सकती है, कई बार मतिभ्रम की स्थिति बनेगी। ऐसे में गणेशजी आराधना करना श्रेष्ठ रहेगा। धर्म पक्ष में कमी रहने पर नुकसान अधिक होने की आशंका है।
तुला राशि : खर्च बढ़ेगा, लेकिन बाहरी संबंध सुधरेंगे और बल व साख में बढ़ोतरी होगी। खानी खर्च से लाभ होगा। माता, भूमि और मकान के संबंध में अगर किसी प्रकार का निवेश करने का सोच रहे हैं तो इस साल ठहर जाएं।
वृश्चिक राशि : आमदनी के नए स्रोत बन सकते हैं, लेकिन इसके साथ ही पुरुषार्थ में कमी आने की आशंका बनी हुई है। विद्या, बुद्धि और संतान के संबंध में विशेष लाभ और भाई बहिन को कष्ट होने की स्थिति बन रही है।
धनु राशि : साख में बढ़ोतरी होने और राज्य पक्ष से लाभ मिलने की स्थितियां बनेंगी। धन और कुटुम्ब के पक्ष में असंतोष बढ़ेगा। प्रतिद्वंद्वियों से पहले से अधिक बेहतर तरीके से निपट पाएंगे।
मकर राशि : इस साल भाग्य का साथ थोड़ा कम मिलेगा। जो कुछ बेहतर कर पाएंगे उसमें बाहरी संबंधों से जो सहयोग मिलेगा वह प्रभावी होगा। शारीरिक समस्याएं भी सिर उठाने लगेंगी। स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें।
कुंभ राशि : पुरानी वस्तुओं से लाभ मिलने का संकेत है, हालांकि संचित धन की हानि हो सकती है और कुटुंब में तनाव बढ़ सकता है। खर्च और बाहरी संबंध तनाव पैदा करेंगे। कई बार विशेष परिश्रम की मांग रहेगी।
मीन राशि : सुंदर स्त्रियों का साथ मिलेगा, अपने भावपूर्ण स्वभाव के कारण आप साथियों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे। साख, स्वाभिमान और धन में बढ़ोतरी के साथ राज्य पक्ष का भी सहयोग मिलेगा।