होम Astrology Kundli Horoscope क्रिश्चियन कालेज में नहीं पढ़ेगी मेरी बेटी Education through option theory

क्रिश्चियन कालेज में नहीं पढ़ेगी मेरी बेटी Education through option theory

Study and Astrology Study and Astrology Education, reading astrological remedies
Study and Astrology Study and Astrology Education, reading astrological remedies

क्रिश्चियन कालेज में नहीं पढ़ेगी मेरी बेटी Education through option theory

मेरी सहायक का बेटा नौ साल की उम्र में अपनी आंखों की रोशनी खो चुका है। उसकी एक बेटी भी है, जिसने प्लस-2 की परीक्षा दी हैं। मेरी सहायक उसके भविष्य को लेकर बड़ी परेशान रहती है और हमेशा उसके बारे में कुछ न कुछ जानना चाहती है। दरअसल बेटे की आंखों की रोशनी जानने के बाद अब उसकी उम्मीदें अपनी बेटी से ही हैं।

उसकी बेटी ने कई इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश को लेकर एप्लाई किया है। वह जानना चाहती थी कि वास्तव में उसकी बेटी का दाखिला किस इंजीनियरिंग कालेज में होगा। मैंने पूछा कि कितने कालेजों में एप्लाई किया है तो उसने बताया कि आठ कालेजों में।

मैंने सभी कालेजों के नाम एक कागज पर लिखने को कहा। किस कालेज में उसकी बेटी को प्रवेश मिलेगा, इसके लिए मैं या तो होररी से देखता और उसमें सभी कालेजों के लिए अलग-अलग नंबर लेने पड़ते, इसके बजाय मैंने आप्शन थ्यौरी (दक्षिण भारत के प्रख्यात ज्योतिषी श्री राजेंद्र निमजे जी की थ्यौरी) के जरिए इस सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास किया। यह इस तरह थे।

1-शास्त्र कालेज, तंजोर
2-राजागिरी कालेज, कोचीन
3-मर बेसलियस कालेज, त्रिवेंद्रम
4-अमृता कालेज, कोलम
5-ज्योति कालेज, त्रिचुर
6-विद्या कालेज, त्रिचुर
7-फेडरल बैंक कालेज, कोचीन
8-करुण्या कालेज, कोयम्बटूर

इस सूची में कौन से कालेज में उसकी बेटी का एडमीशन होगा, यही उसे जानना था। उस दिन तारीख थी-12.6.2013

समय था-16.35.03,
स्थान था-कालीकट

आप्शन थ्यौरी के नियम-केवल प्राथमिक शासक ग्रह लेने हैं। उनकी राशियों के अंकों का जोड़ करना है और जो शासक ग्रह वक्री ग्रह के नक्षत्र में हो, उसे छोड़ देना है। कुंडली बनाते समय शासक ग्रह थे-

लग्न स्वामी-शुक्र
चंद्र नक्षत्र स्वामी-शनि
चंद्र राशि स्वामी-चंद्र
वारेश-बुध

शासक ग्रहों में चंद्र को छोड़ दिया, क्योंकि वह वक्री चल रहे शनि के नक्षत्र में था। इसलिए हमें शासक ग्रह मिले-शुक्र, शनि और बुध। इनकी राशियों का जोड़ यह निकला –

शुक्र- 2+7=9
शनि-10+11=21
बुध-3+6=9
कुल शासक ग्रहों के अंकों की संख्या हुई-9+21+9=39=3+9=12=2+1=3

सूत्र-यदि आप्शन नौ या इस संख्या से कम हैं तो एकल संख्या में मिले शासक ग्रह अंक को आप्शन संख्या से कम करो। इस तरह वह चमत्कारिक आप्शन मिल जाएगा, जिसमें जातक की बेटी का एडमीशन होना है। यहॉ हमें तीन अंक मिले। इसे हमने कालेज की दी गयी पहले नंबर की संख्या से नीचे तक गिना तो तीसरे नंबर के कालेज का नाम सामने आया।

मैंने सहायिका से स्पष्ट कह दिया कि आपकी बेटी का एडमीशन मर बेसलियस कालेज में होगा। उसने कहा कि वह मर बेसलियस कालेज में बेटी का एडमीशन नहीं कराएगी, क्योंकि वह एक क्रिश्चियन कालेज है। तीन दिन बाद उसने बताया कि उसकी बेटी को मर बेसलियस कालेज से कंप्यूटर साइंस में दाखिले के लिए आफर मिला है, लेकिन उन दोनों ने मना कर दिया। मैं क्या कहता।

इसके कुछ दिन बाद उसने बताया कि शास्त्र कालेज में उसकी बेटी का एडमीशन नहीं हो सकेगा, वहां से मनाही हो गयी है। एक सप्ताह बाद उसने बताया कि उसकी बेटी को साक्षात्कार के लिए अमृता कालेज से बुलावा आया है। मैं क्या कहता। उसकी बेटी ने अमृता कालेज में साक्षात्कार दिया। उसे इलेक्ट्र्क्सि ब्रांच मिली और उसने फीस भी भर दी।

कुछ दिन बाद सहायिका बोली कि मरबेसलियस कालेज की कंप्यूटर एंड इलेक्ट्रोनिक्स ब्रांच छोड़कर और यहां अमृता कालेज की इलेक्ट्रिक्स ब्रांच लेकर उन्होंने गलती कर दी। मैंने कहा कि जो हुआ, उसे भूल जाओ, अब तो तुम लोग यह फैसला कर चुके हो और फीस भी भर दी है।

और इस तरह 5 जुलाई 2013 को सहायिका का फोन आया कि उसकी बेटी ने मरबेसलियस का एडमीशन फार्म ले लिया है और वह वहां से कंप्यूटर और इलेक्ट्रोनिक्स ब्रांच से ही इंजीनियरिंग करेगी। उसका अब यही अंतिम निर्णय है।
मैं अवाक रह गया। किस तरह से आप्शन थ्यौरी ने शासक ग्रहों के माध्यम से उसके लिए तीन नंबर का कालेज (मरबेसलियस) पहले ही निर्धारित कर दिया था, जो आखिरकार सच साबित हुआ। श्री राजेंद्र निमजे जी को मेरा शत शत प्रणाम।। (साभारः जरनल फार एडवांसमेंट आफ स्टेलर एस्ट्रोलाजी से अनवादित)

लेखक-जी सदासिवन
आप बीई, एमबीए हैं और भारत सरकार की एक नवरत्न तेल कंपनी में अधिकारी हैं।
केपी व आप्शन थ्यौरी में प्रैक्टिस करते हैं।