Home Nakshatra (नक्षत्र) नाम से राशि पता करें

नाम से राशि पता करें

नाम से राशि पता करें
नाम से राशि पता करें

कुछ दशक पहले तक यह चलन अधिक था कि जन्‍म तिथि और जन्‍म समय के अनुसार जो नक्षत्र और नक्षत्र का जो चरण होता था, उसके प्रथम नामाक्षर को लेकर ही संतान का नाम तय किया जाता था। इससे केवल नाम से राशि पता कर सकते हैं। इन सालों में यह अभ्‍यास कम हुआ है। इसका लाभ यह होता था कि नाम बताने के साथ ही तय हो जाता था कि जातक की राशि क्‍या है। असल में नाम से राशि का पता चलना मोटा अनुमान है।

अगर किसी ज्‍योतिषी को नाम बताया जाए तो कुछ ही क्षणों में ज्‍योतिषी केवल नाम के प्रथम अक्षर से यह भी पता कर पाते हैं कि जातक की राशि क्‍या है, जन्‍म नक्षत्र क्‍या है, नक्षत्र का चरण कौनसा है और जन्‍म के समय दशा कौनसी चल रही थी, उस दशा का भोग्‍यकाल कितना था, और इससे पता चल सकता है कि जातक की वर्तमान में कौनसी दशा चल रही है। किसी भी जातक के केवल नाम से इतनी बातों की जानकारी बिना कुण्‍डली के पता की सकती है।

अब वर्तमान में जन्‍म नामाक्षर से नाम रखने का रिवाज खत्‍म सा हो चला है। ऐसे में आपके नाम से बनने वाली राशि जरूरी नहीं है कि आपकी जन्‍म राशि ही हो, फिर भी अगर आप पुराने समय में जन्‍म नामाक्षर से रखे जाने वाले नाम वाले जातक हैं तो नीचे दी गई विधि से अपने नाम की राशि और नक्षत्र और नक्षत्र का चरण पता कर सकते हैं।

इसे इस प्रकार देखना होगा कि कुल 27 नक्षत्र होते हैं, हर राशि को सवा दो नक्षत्र मिलते हैं, हर नक्षत्र के चार चरण होते हैं। ऐसे में हमें नक्षत्रों के कुल 108 मिलते हैं। हर राशि को नक्षत्र के नौ चरण यानी सवा दो नक्षत्र मिलते हैं। इन सवा दो नक्षत्रों मे कौनसे कौनसे नाम होंगे, यहां आगे बताए गए हैं।

मेष राशि में पहले नक्षत्र अश्विनी का पहला चरण चूहोगा, दूसरा चरण चे”, तीसरा चरण चोऔर चौथा चरण लाहोगा, इसके बाद मेष राशि के दूसरे नक्षत्र भरणी का पहला चरण ली”, दूसरा चरण लू”, तीसरा चरण लेऔर चौथा चरण लोहोगा। मेष राशि के तीसरे नक्षत्र कृतिका का पहला चरण होगा। इसी प्रकार प्रत्‍येक राशि में हमें नौ चरणों के नौ नामाक्षर मिलते हैं, कुल जमा 108 प्रकार के जन्‍म नामक्षार दिए गए हैं।

राशि और नामाक्षर

  • मेष चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो,
  • वृष , , , , वा, वी, वू, वे, वो
  • मिथुन का, की, कू, , , , के, को,
  • कर्क ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो
  • सिंह मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे
  • कन्या टो, पा, पी, पू, , , , पे, पो
  • तुला रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
  • वृश्चिक तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू
  • धनु ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे
  • मकर भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी
  • कुंभ गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
  • मीन दी, दू, , , , दे, दो, चा, ची

उदाहरण के लिए किसी जातक का नाम राजीव है, तो वह जातक तुला राशि में पैदा हुआ है। यह उपरोक्‍त सूची से पता चल सकता है। अगर पता करना है कि तुला राशि में कौनसे नक्षत्र में पैदा हुआ है तो इसके लिए निम्न सारिणी का उपयोग करें। यहां हम देखते हैं कि केवल जन्‍म नामाक्षर से हमें दो बातें तुरंत पता चल गई हैं राजीव की राशि तुला है और नक्षत्र चित्रा

नक्षत्र और नामाक्षर

  • अश्विनी : चू, चे, चो, ला
  • भरणी : ली, लू, ले, लो
  • कृतिका : , , ,
  • रोहिणी : , वा, वी, वू
  • मृगशिरा : वे, वो, का, की
  • आर्द्रा : कू, , ,
  • पुनर्वसु : के, को, , ही
  • पुष्‍य : हू, हे, हो, डा
  • आश्‍लेषा : डी, डू, डे, डो
  • मघा : मा, मी, मू, मे
  • पूर्व फाल्‍गुनी : मो, टा, टी, टू
  • उत्‍तरफाल्‍गुनी : टे, टो, पा, पी
  • हस्‍त : पू, , ,
  • चित्रा : पे, पो, रा, री
  • स्‍वाति : रू, रे, रो, ता
  • विशाखा : ती, तू, ते, तो
  • अनुराधा : ना, नी, नू, ने
  • ज्‍येष्‍ठा : नो, या, यी, यू
  • मूला : ये, यो, भा, भी
  • पूर्वाषाढ़ा : भू, धा, फा, ढा
  • उत्‍तराषाढ़ा : भे, भो, जा, जी
  • श्रवण : खी, खू, खे, खो
  • धनिष्‍ठा : गा, गी, गू, गे
  • शतभिषा : गो, सा, सी, सू
  • पूर्वभाद्रपद : से, सो, दा, दी
  • उत्‍तरभाद्रपद : दू, , ,
  • रेवती : दे, दो, चा, ची

दशा और नामक्षर

अब इसी नामक्षार से हमें यह भी पता करना है कि जातक की वर्तमान में कौनसी दशा चल रही है। उपरोक्‍त उदाहरण में हमने देखा कि राजीव नाम वाले व्‍यक्ति की राशि तुला और जन्‍म नक्षत्र चित्रा है। इसके साथ ही प्रत्‍येक नक्षत्र के चारों चरण भी बताए गए हैं। रा” नामाक्षर अपने नक्षत्र का तीसरा चरण है।

जो जन्‍म नक्षत्र होता है, वही आरंभिक दशा भी होती है। चित्रा मंगल का नक्षत्र है, ऐसे में जन्‍म समय में जातक की दशा मंगल की हुई, चूंकि रा तीसरा चरण है, ऐसे में मंगल की महादशा के दो भाग बीत चुके थे और तीसरा चल रहा था। मंगल की महादशा 7 साल की होती है, ऐसे में हम सात साल के चार भाग करें तो 21 माह का समय मिलता है। अब जन्‍म होने तक 42 माह बीत चुके हैं और तीसरा तथा चौथा चरण अर्थात 42 माह शेष हैं। अगर जातक को अपना जन्‍म वर्ष पता हो, उदाहरण के तौर पर कहे कि राजीव का जन्‍म 1966 में हुआ था, तो वर्तमान में 2020 में कौनसी दशा चल रही है। मोटे तौर पर कह सकते हैं कि शनि की महादशा का आखिरी भाग चल रहा है, संभवत: शनि की महादशा में गुरू की अंतरदशा।

नक्षत्र के अधिपति के बारे मेंं जानने के लिए इस सारिणी का उपयोग करें

नक्षत्र के नैसर्गिक गुण (Nakshatra) नक्षत्र विवरण ज्‍योतिष रत्‍नाकर से

जन्‍म दशा का जितना समय शेष है, उसे शामिल करते हुए वर्तमान उम्र तक दशाएं जोड़ते जाएंगे, इससे वर्तमान दशा पता चल जाएगी। उपरोक्‍त उदाहरण में मंगल के साढ़े तीन साल जोड़ने के बाद राहु, गुरू और शनि की दशाओं तक आगे बढ़ा गया। इससे वर्तमान दशा पता चल गई।

भोग्‍य दशा के बाद हमें हर ग्रह की दशाएं जोड़नी होंगी, यह इसी क्रम में रहेगा, बस भोग्‍य दशा के ठीक बाद शुरू करना है। मसलन उपरोक्‍त उदाहरण में मंगल की दशा के बाद राहु की महादशा आएगी, फिर गुरू की, यह क्रम और संपूर्ण दशा काल इस प्रकार रहता है

  • मंगल 7 वर्ष
  • राहु 18 वर्ष
  • गुरू 16 वर्ष
  • शनि 19 वर्ष
  • बुध 17 वर्ष
  • केतु 7 वर्ष
  • शुक्र 20 वर्ष
  • सूर्य 6 वर्ष
  • चंद्रमा 10 वर्ष

इस विधि से आप अपने जन्‍म नामाक्षर से न केवल राशि, बल्कि नक्षत्र, नक्षत्र चरण और वर्तमान दशा का भी पता कर सकते हैं।  दूसरा उदाहरण लें तो यामिनी नाम वाली कन्‍या का जन्‍म वृश्चिक राशि और ज्‍येष्‍ठा नक्षत्र में हुआ है, अगर उसका जन्‍म 1994 में हुआ है तो उसने बुध और केतु की महादशाएं भोग ली हैं, बुध के 12 साल और केतु के 7 साल, अब वर्तमान में उसकी शुक्र की महादशा चल रही है। मोटे तौर पर शुक्र की महादशा में राहु का अंतर हो सकता है।


विकीपीडिया से लिया गया
#    नक्षत्र     स्थिति नक्षत्र स्वामी पद 1 पद 2 पद 3 पद 4
1 अश्विनी 0 – 13°20′ मेष केतु चु चे चो ला
2 भरिणी 13°20′ – 26°40′ मेष शुक्र ली लू ले पो
3 कृत्तिका 26°40′ मेष – 10°00′ वृषभ सूर्य
4 रोहिणी 10°00′ – 23°20′ वृषभ चंद्र वा वी वु
5 म्रृगशीरा 23°20′ वृषभ – 6°40′ मिथुन मंगल वे वो का की
6 आर्द्रा 6°40′ – 20°00′ मिथुन राहु कु
7 पुनर्वसु 20°00′ मिथुन- 3°20′ कर्क गुरु के को हा ही
8 पुष्य 3°20′ – 16°20′ कर्क शनि हु हे हो
9 आश्लेषा 16°40′ कर्क- 0°00′ सिंह बुध डी डू डे डो
10 मघा 0°00′ – 13°20′ सिंह केतु मा मी मू मे
11 पूर्वा फाल्गुनी 13°20′ – 26°40′ सिंह शुक्र नो टा टी टू
12 उत्तर फाल्गुनी 26°40′ सिंह- 10°00′ कन्या सूर्य टे टो पा पी
13 हस्त 10°00′ – 23°20′ कन्या चंद्र पू
14 चित्रा 23°20′ कन्या- 6°40′ तुला मंगल पे पो रा री
15 स्वाति 6°40′ – 20°00 तुला राहु रू रे रो ता
16 विशाखा 20°00′ तुला- 3°20′ वृश्चिक गुरु ती तू ते तो
17 अनुराधा 3°20′ – 16°40′ वृश्चिक शनि ना नी नू ने
18 ज्येष्ठा 16°40′ वृश्चिक – 0°00′ धनु बुध नो या यी यू
19 मूल 0°00′ – 13°20′ धनु केतु ये यो भा भी
20 पूर्वाषाढ़ा 13°20′ – 26°40′ धनु शुक्र भू धा फा ढा
21 उत्तराषाढ़ा 26°40′ धनु- 10°00′ मकर सूर्य भे भो जा जी
22 श्रवण 10°00′ – 23°20′ मकर चंद्र खी खू खे खो
23 धनिष्ठा 23°20′ मकर- 6°40′ कुम्भ मंगल गा गी गु गे
24 शतभिषा 6°40′ – 20°00′ कुम्भ राहु गो सा सी सू
25 पूर्वाभाद्रपदा 20°00′ कुम्भ – 3°20′ मीन गुरु से सो दा दी
26 उत्तराभाद्रपदा 3°20′ – 16°40′ मीन शनि दू
27 रेवती 16°40′ – 30°00′ मीन बुध दे दो ची