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मंगल महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र (Jain Mantra for Mars Mahadasha Remedy)

मंगल की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र | Mangal Mahadasha (Mars Mahadasha) Remedy in Jain Mantra (Jain Astrology)
मंगल की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र | Mangal Mahadasha (Mars Mahadasha) Remedy in Jain Mantra (Jain Astrology)

मंगल महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
(
Jain Mantra for Mars Mahadasha Remedy)

अगर कोई जातक मांगलिक है, तो उसका अर्थ यह कतई नहीं है कि जातक का मंगल भी खराब है। मंगल को पीड़ा सामान्‍य तौर पर शनि से मिलती है और कई बार बुध के साथ होने पर मंगल पीडि़त होता है। इसके अलावा राहु के साथ मंगल होने पर राहु का परिणाम बेहतर होता है और मंगल का परिणाम खराब होने लगता है। किसी भी जातक की कुण्‍डली में मंगल की महादशा सात साल तक रहती है।

मंगल की महादशा (Mangal Mahadasha) के अशुभ फल आने पर जातक को स्वास्थ्य संबन्धित परेशानियाँ होने लगती हैं। जातक विभिन्न रोगो से घिरा रहता हैं। भाइयो से मन-मुटाव होने लगता हैं और पत्नी से लड़ाई-झगड़ा होने की स्थिति भी हो सकती हैं। जातक को दुर्घटना का भय होने लगता हैं। हड्डियों में दर्द, अनेक प्रकार के रोग होने लगते हैं। अग्नि, चोरी का भय रहता है, घर में नुकसान होने लगता हैं। विवाह संबंधी चर्चाओं में बाधा आने लगती हैं। महत्वपूर्ण कार्यो में विलंब होने लगता हैं। जातक के स्वभाव में उग्रता और वाणी में कठोरता आ जाती हैं।

मंगल को साहस और तार्किक सोच का कारक माना गया है। कुण्‍डली में छठे, आठवें, बारहवें स्‍थान पर मंगल हो और उस पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो अथवा मंगल खुद नीच का अथवा शत्रु क्षेत्री हो तो मंगल की महादशा में प्रतिकूल परिणाम मिलने की आशंका होती है। ऐसी स्थिति में सामान्‍य तौर पर मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है, लेकिन हर लग्‍न में मूंगा पहनाना संभव नहीं होता। सनातनियों के लिए हनुमान मंदिर जाना मंगल को अनुकूल बनाने का सर्वश्रेष्‍ठ उपाय है। अगर मंत्रों की बात की जाए तो मंगल की महादशा में अनुकूल परिणाम लेने के लिए निम्‍न मंत्र की दस माला का जाप किया जाए तो मंगल के अनुकूल परिणाम प्राप्‍त किए जा सकते हैं।

“ऊं ह्रीं णमो सिद्धाणं”

इस मंत्र के साथ एक माला शांति मंत्र का जाप करना भी जरूरी है। मंगल मंत्र के साथ निम्‍न शांति मंत्र का जाप करें…

“ऊं ह्रीं वासुपूज्‍यप्रभो नमस्‍तुभ्‍यं मम शांति: शांति:”

भगवान वासुपूज्‍य के अधिष्‍ठायक देव सूरकुमार की उत्‍तर या पूर्व की ओर मुंह करके लाल वस्‍त्र, लाल आसन, लाल माला, लाल चंदन तथा लाल सुपारी से पूजन करने से शीघ्र अनुकूल परिणाम मिलने लगते हैं।


अन्य ग्रहों की महादशा के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जैन मंत्रो द्वारा उपाय जानने के लिए आप निम्न लेख पढ़ सकते हैं। प्रत्येक ग्रह के लिए पृथक लेख द्वारा मंत्रो के प्रयोग को समझाने का प्रयत्न किया है।

सूर्य की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
Sun Mahadasha Remedy in Jain Mantra
चन्द्रमा की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
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Jain Mantra for Moon Mahadasha Remedy)
बुध की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
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गुरु (बृहस्पति) की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
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शुक्र की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
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शनि की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
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राहु की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
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Jain Mantra for Rahu Mahadasha Remedy)
केतु की महादशा के उपाय के लिए जैन मंत्र
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