अरविन्द केजरीवाल की असली कुण्डली True horoscope of arvind kejriwal
अभी ऑनलाइन समूहों में अरविन्द केजरीवाल arvind kejriwal की कुण्डली और जन्म संबंधी विवरण पेश किया जा रहा है। जो विवरण सबसे ज्यादा दिखाई दे रहा है। वह कुछ इस प्रकार का है…
He was born on 1968 August 16 at 7:30 am IST at Sivani, Haryana, India (75 E 36′ 49″, 28 N 54′ 31″)
इसमें जन्म संबंधी विवरण में मूल रूप से एक समस्या है कि हरियाणा में sivani नाम की कोई जगह नहीं है। जो स्थान आ रहा है वह है siwani. ठीक है इस जन्म विवरण के आधार पर अगर कुण्डली बनाई जाए तो वह सिंह लग्न की कुण्डली बनती है। जो कुछ इस तरह दिखाई देगी।
Arvind kejriwal horoscope
इस दिए गए समय के आधार पर बनी कुण्डली बता रही है कि सिंह लग्न के इस जातक की कुण्डली में लाभ और धन का योग चल रहा है। यानी एकादशेश और द्वितीयेश का अंतर गुरु की महादशा में चल रहा है। गुरु भी पांचवें और आठवें घर का अधिपति है। ऐसे में अनुयायियों की संख्या तेजी से बढ़ना और गुप्त कार्यों में रत रहना भी दिखाई देता है। लेकिन गुरु की महादशा में बुध का अंतर इतना सौभाग्यदायी नहीं होता। अब मैंने अपने स्तर पर केजरीवाल की कुण्डली का बर्थ टाइम रेक्टीफिकेशन (Birth Time Rectification) किया है। इसके अनुसार केजरीवाल का जन्म इसी तारीख को इसी स्थान पर रात को 00:27 बजे होता है। यानी कुण्डली में करीब सात घंटे का अंतर आता है। अब जो कुण्डली बनती है वह कुछ इस प्रकार है।
Arvind Kejriwal Date Of Birth : 1968 August 16 Time Of Birth : 00:27 am IST at Siwani, Haryana, INDIA
kejriwal horoscope after birth time rectification
यह कुण्डली वृषभ (Taurus) लग्न की है। अरविन्द केजरीवाल की दशाओं में भी अंतर आ जाता है। मई 2012 से केजरीवाल की गुरु की महादशा में शनि का अंतर चल रहा है। यह शनि उन्हें बाहरी संबंधों की ओर लेकर जाता है। वृषभ लग्न का अधिपति शुक्र चतुर्थ स्थान में बैठकर जनता में उनका सम्मान बढ़ाता है। लग्न का सबलॉर्ड (Sublord) गुरु शुक्र के नक्षत्र में विराजमान है। यह शुक्र फिर हमें चौथे घर में ही मिलता है। इसके साथ ही ग्यारहवें भाव का राहु (Rahu), जो राजनीति से लाभ दिलाता है।
केजरीवाल की कुण्डली में मंगल (Mars) और बुध (Mercury) अस्त हैं तथा शनि (Saturn) वक्री है। नीच का वक्री शनि बारहवें स्थान पर श्रेष्ठ फल देता है। इसके चलते केजरीवाल के बाहरी संबंध मजबूत बनते हैं। लाल किताब (Lal Kitab) के अनुसार आठवां और बारहवां स्थान शनि के पक्के घर हैं।
अब यहां पर कुछ समस्या दिखाई देती है, वह है तृतीयेश चंद्रमा और शनि की बारहवें भाव में युति। इसे ज्योतिष की भाषा में पुनरफू (Punarphoo) योग कहते हैं। जिस जातक की कुण्डली में इस प्रकार का योग बनता है वह मानसिक रूप से कुछ परेशान रहता है। दुनियादारी उसे खराब लगती है और दुनिया को देखने का नजरिए में भी नकारात्मकता (Nagativity) अधिक होती है।
तीसरे भाव में सूर्य और मंगल की उपस्थिति उन्हें ताकतवर बनाती है। मित्रों का सहयोग मिलता है और अपनी मित्र मंडली में वे ताकत का पर्याय बनकर उभरते हैं। नीच के मंगल के कारण अपने दोस्तों पर रुआब रखना और उनसे अपने मन की करवाना केजरीवाल के लिए अपेक्षाकृत आसान बनता है।
30 नवम्बर 2014 तक केजरीवाल की गुरु (Jupiter) की महादशा में शनि का अंतर जारी रहेगा। चूंकि वृषभ लग्न में शनि कारक ग्रह होता है। ऐसे में मई 2012 से नवम्बर 2014 तक का समय केजरीवाल के जीवन के श्रेष्ठ दौर में से एक है। इस दौरान उन्हें तेजी से स्वीकार्यता मिलती है और पहले किए गए अपने कार्यों का फल मिलता है।
चूंकि शनि भृत्य (Service provider) है, ऐसे में नीचे तबके के लोगों का केजरीवाल का अपेक्षाकृत अधिक समर्थन मिलना चाहिए। ऐसे ही शनि चलित अन्य लोग भी तेजी से केजरीवाल से जुड़ेंगे। यह उनका भाग्य है। चूंकि एकादशेश यानी लाभ के भाव का अधिपति अपने ही भाव से छठे बैठा है। ऐसे में केजरीवाल को बहुत अधिक आमदनी और लाभ होने की संभावनाएं नहीं हैं।
निष्कर्ष
(मार्च 2014 में विश्लेषण के दौरान)
- इसी कुण्डली के आधार पर मैं कह सकता हूं कि केजरीवाल एक जमाने में चेन स्मोकर रहे हैं और अब भी यदा कदा स्मोकिंग करते होंगे।
- दूसरा फलादेश यह है कि केजरीवाल डिप्रेशन के पुराने मरीज हैं और नियमित अंतराल में उन्हें इसके अटैक आते हैं। वे इतने मैनिक हो जाते होंगे कि दवाएं देकर ही उन्हें शांत किया जा सकता है।
- नवम्बर 2014 के बाद जब गुरु में बुध का अंतर आएगा केजरीवाल अपने परिवार के साथ प्रसन्नता से समय बिताएंगे। यह समय उनका अपने परिवार और पुत्रियों पर ध्यान देने का होगा।
- केजरीवाल को चंद्रमा का उपचार शीघ्र करने की जरूरत है। ताकि वे मानसिक अवसाद से मुक्त हो सकें।
Update
अभी फरवरी 2020 में अरविन्द केजरीवाल की गुरू की महादशा में राहु का अंतर चल रहा है। चूंकि राहु एकादश भाव में विरामान है, अत: यह लाभ की स्थिति दर्शा रहा है। जून में केजरीवाल की गुरू की दशा समाप्त हो जाएगी, इसके बाद शनि की 19 साल की महादशा शुरू होगी, वह समय दूरस्थ स्थानों पर जाकर अथवा दूरस्थ संबंधों से लाभ प्राप्त करने का रहेगा। वृषभ लग्न होने के कारण शनि की महादशा अनुकूल फलदायी सिद्ध हो सकती है।