कन्या राशि (Kanya Rashi) के जातक
(Virgo Sign Characteristics)
कन्या राशि (Kanya Rashi | Virgo Sign) आपको भी कभी न कभी ऐसे व्यक्ति मिले होंगे जो छोटी सी बात को बहुत अधिक विस्तार से समझते और समझाते हैं। एक बार गलती से भी इन लोगों को सामान्य बात का विश्लेषण पूछ लिया जाए तो घंटों तक उस तथ्य की चीरफाड़ करते रहते हैं। ये कन्या जातक के लोग हैं।
कन्या राशि का स्वामित्व बुध के पास है। यहीं पर बुध उच्च का भी होता है। सो ये लोग किसी न किसी रूप में फायनेंस, पब्लिकेशन या अन्य पढ़ने लिखने के काम से जुड़े हुए होते हैं। अपने प्रोफेशन में भले ही अपनी विश्लेषण क्षमता के कारण ये लोग पूछे जाते हों, लेकिन सामाजिक तौर पर इनकी स्थिति एक समय बाद यह हो जाती है कि लोग बात करने से कतराने लगते हैं।
अगर कन्या राशि का जातक खुद पर कंट्रोल रखना सीख लें तो इनके आकर्षक और सम्मोहित करने वाला जातक ढूंढना मुश्किल है। ये लोग दिमाग अधिक काम में लेते हैं सो शरीर का इस्तेमाल कम से कम करने का प्रयास करते हैं। इन्हें आराम की अवस्था पसंद है। बुध के पूरे प्रभाव के चलते ये लोग नए कपड़े भी पहने तो वे मैले जैसे दिखाई देंगे। बुध का प्रभाव लग्न पर अधिक हुआ तो दांत भी गंदे दिखाई देंगे। यहां बुध उच्च और शुक्र नीच होता है। यानि सांसारिक साधनों से अधिक इन लोगों को ज्ञान की परवाह होती है। जातक लम्बा, पतला, आंखें काली, भौंहें झुकी हुई, आवाज पतली और कर्कश होती है। हमेशा तेज चलते हैं और अपनी उम्र से कम के दिखाई देते हैं। ये लोग लेखा कार्यों में होशियार होते हैं और अपनी नौकरी लाभ के अवसर के अनुसार लगातार बदलते रहते हैं।
कार्यों को इतनी अधिक सावधानी से करते हैं कि हर काम में पुनरावृत्ति तक करने को तैयार रहते हैं। ताला बंद करेंगे तो दो बार चेक करेंगे। पत्र लिखेंगे तो गीले गोंद लगे पत्र को फिर से खोलकर पढ़ेंगे। इन लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर वार्तालाप करना पसंद होता है। इतना अधिक कि छोटी सी बीमारी को लेकर घंटों और दिनों तक बातें कर सकते हैं। उसके हर एक पहलु पर इतना विस्तार से वर्णन करते हैं कि सुनने वाला ही भाग खड़ा हो। व्यावसायिक प्रवृत्ति के कारण धन के प्रति सावधान होते हैं। इन लोगों को किसी भी ट्रस्ट या संस्थान में कोषाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
इनके लिए शुभ रंग हरा और शुभ दिन बुधवार होता है। भाग्य को बढ़ाने के लिए इन लोगों को पन्ना, मोती और हीरा पहनना चाहिए। मकान, जमीन और सेवाओं वाले कार्य ही इनकी समझ में अधिक आते हैं, कर्जा, दुश्मनी और बीमारी के प्रति इनका लगाव और सेवायें देखने को मिलती है।