जातक को संतान गर्भ से होगी या गोद लेनी पड़ेगीWhether Jatak will have a Child or need to Adopt a Child |
ज्योतिष की विधा कोई हो, उसमें रिसर्च का काम किया जाए, तो पिछली और आने वाली घटनाओं की परत दर परत खुलती चली जाती है। एक अच्छा ज्योतिषी किसी भी जन्म कुंडली का पूरा अध्ययन करता है और सूक्ष्म घटनाओं को बारीकी से टटोल लेता है। मैं एक जन्म डिटेल आपके सामने रख रहा हूं और उसके जीवन में पांच साल से घट रही कुछ घटनाओं का ज्योतिषीय आधार पर विश्लेषण कर रहा हूं। इस जातक को घटनाओं से पहले ही बता दिया गया था कि अब उसके साथ क्या घटित होगा और यह भविष्यवाणी साल-छह महीने के अंतर से नहीं, बल्कि दस-पंद्रह दिन के अंतर पर बतायी जाती रहीं।
इस जातक का बर्थ डिटेल कुछ इस तरह है। जन्म तिथि 11.10.1969 जन्म समय 5.20, लांगीट्यूड 77 ई 41, लैटीट्यूड 27 एन 30, इस जातक ने जुलाई 2009 में अपनी पत्नी के साथ चल रहे मुकदमे के बारे में जानकारी मांगी थी। उसे इस क्वेरी का जवाब तो दिया ही गया, इसके अलावा उसकी कुंडली के सभी भावों का अध्ययन किया गया।
इसके सप्तम भाव का उप स्वामी सूर्य है, जो मंगल के नक्षत्र और उप नक्षत्र में है। सूर्य कन्या लग्न और मंगल चतुर्थ भाव में है। सूर्य 1,4,3,8,12 भावों का सूचक है तो मंगल 4,12,2,3,8,9 का सूचक है। मंगल द्विशरीरी राशि में है, जिससे पता चल रहा था कि यह जातक दूसरा विवाह करेगा। सूर्य-मंगल के सूचक साफ कह रहे हैं कि पत्नी से इसका लगाव नहीं है और दोनों में अक्सर झगड़ा होता था और कानूनी रूप से तलाक भी होगा, लेकिन यह कब होगा, यह देखा गया। उस समय गुरु की महादशा चल रही थी, जो 24 दिसंबर 2013 तक थी।
गुरु 1,4,7,11 कह रहा था, इसका अर्थ यह था कि तलाक की घड़ी शनि की महादशा मं आएगी। लेकिन उससे यह भी कहा गया कि उसकी जिंदगी में कोई दूसरी महिला का प्रवेश हो चुका है। उसने बताया कि यह बिल्कुल सही है।
उसको यह भी कहा गया कि अगस्त माह 2009 से उसके पिता का स्वास्थ्य खराब होने वाला है। अचानक दस सितंबर को उसके पिता की हालत खराब हो गयी और उन्हें गुड़गांव के वेदांता अस्पताल ले जाया गया। डाक्टर ने कहा था कि उसके पिता ठीक हो जाएंगे, लेकिन मैंने उनको बताया कि 24 सितंबर तक काफी खराब समय है, कुछ भी हो सकता है।
इस जातक की कुंडली के गोचर में गुरु-राहु पंचम में थे और नवम को देख रहे थे, जबकि शनि का सूक्ष्म और प्राण 22 सितंबर से शुरू हो रहा था, जो नवम के सब के स्टार में था। 23 सितंबर की रात 12 बजे से कुछ पहले उनका देहांत हो गया।
यह जातक किसी महिला के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रह रहा था, जो इससे काफी छोटी है। दूसरी शादी के लिए नवम भाव देखा, जिसका सब शुक्र और उसका स्टार सूर्य है। शुक्र का सब चंद्रमा 1,11 का सूचक है। यानि दूसरी शादी लीगल नहीं होगी। इस बीच इसका पहली पत्नी से मुकदमा चलता रहा।
पिछले साल इसने संतान की इच्छा की, मैंने कहा कि संतान सुख नहीं है। इसने बताया कि पहली पत्नी से एक लड़का है, लेकिन वह उसी के पास है। इसलिए वह चाहता है कि उससे एक और संतान हो। इसकी कुंडली के पांचवे भाव का सब राहु 1,6,4,7 कह रहा है, जबकि स्टार गुरु1,4,7,11 कह रहा है। यानि संतान के लिए पांचवे भाव का सूचक 2,5,11 होना ही चाहिए, जबकि इसकी कुंडली में केवल 11 कह रहा है, यानि इच्छा की पूर्ति हो जाएगी। इसके राहु और शनि के जाप कराए गए, क्योंकि शनि पंचमेश होकर नीच का अष्टम में है।
यहां केपी ज्योतिषी यह सवाल कर सकते हैं कि जातक की कुंडली के अध्ययन में वैदिक और केपी सिस्टम का मिक्स क्यों कर रहे हैं। वह इसलिए कि पू्ज्य गुरुवर श्री केएसके कृष्णमूर्ति जी भी साइन लोर्ड को प्राथमिकता देते थे और मैंने जितनी भी कुंडलियों पर शोध किया है, उसमें पाया है कि गुरुजी के अनुसार सब और स्टार तो पावरफुल होते ही हैं, यदि वे अपना रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं और साइन लार्ड खराब है तो क्रमशः सब और साइन लार्ड की शांति भी करा देनी चाहिए।
लिहाजा मैंने साल 2011 में इन दोनों ग्रहों के जाप कराकर गुरु के वृष राशि में आने तक इंतजार करने को कहा। जातक ने इंतजार नहीं किया और उसकी पत्नी गर्भ से हो गयी, लेकिन दो माह बाद ही गर्भ गिर गया, क्योंकि संतान प्राप्ति के लिए गुरु की दृष्टि पंचम पर होना भी जरूरी होता है।
इसने साल 2012 में मुझे सूचना दी कि उसकी पत्नी फिर गर्भ से है और जनवरी में डिलीवरी हो सकती है। जनवरी में गुरु गोचर में इसके पंचम को ही देख रहा था। एक और बात, केपी के अनुसार दूसरी संतान के लिए सप्तम भाव देखना चाहिए। जातक की कुंडली में सप्तम का स्वामी गुरु ही है, जो गोचर में नवम में ही था। यानि सप्तम से तीसरा। इसको पुत्र प्राप्ति हुई है।
इस बीच मैंने उसके किसी रिश्तेदार से ही सुना कि उसने बेटा होने का ढोंग किया है, दरअसल उसकी पत्नी किसी बीमारी की वजह से किसी बच्चे को जन्म देने लायक नहीं है। उसने कहीं से हाल का बच्चा गोद लिया है। उसके सप्तम भाव का सब लार्ड सूर्य द्विस्वभाव राशि में है, 1,4,3,8,12 कह रहा है और गोद लिए बच्चे की पुष्टि करता है, लेकिन मैं अभी किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा हूं, जब तक उसकी ओर से यह न कह दिया जाए कि हां वह अफवाह सही है।
वैसे बात-बात में हर दिन ज्योतिषीय सलाह लेने वाला जातक बच्चे की बर्थ डिटेल न दे और उसके बारे में कुछ भी न जानने की ललक रखे, यह कुछ तो संकेत करता है।
लेखक – पवन निशान्त