स्वर्ग से उतरी गौ माता के लिए कहा जाता है कि जब तक इस धरा पर गौ माता के खुर जमे रहेंगे, धरती सुरक्षित रहेगी। गौवंश में सभी 33 कोटि देवताओं का वास बताया गया है। ज्योतिषीय कोण से देखा जाए तो एकमात्र गाय ही ऐसा प्राणी है जिसके जरिए सभी ग्रहों के ज्योतिषीय उपचार किए जा सकते हैं। हालांकि गौवंश का आध्यात्मिक महत्व सांसारिक महत्व से कई गुणा अधिक है, इसके बावजूद इस लेख में हम केवल ग्रहों के उपचार और उससे सांसारिक लाभों पर चर्चा करेंगे। गाय से जुड़े उपचारों में कई उपचार तो ऐसे हैं कि लाखों या करोड़ों रुपए के जैमस्टोन जो मदद न कर पाएं, वह मदद गाय की विशिष्ट सेवा से हासिल हो सकते हैं। अपने 22 वर्ष के ज्योतिष अभ्यास के दौरान मैंने अपने सहत्रों जातकों को गाय से जुड़े उपचार बताए हैं और उससे जातकों ने अनेकानेक लाभ लिए हैं।
हालांकि हर एक कुण्डली विशिष्ट होती है और हर ग्रह का विशिष्ट परिस्थिति में विशिष्ट प्रभाव होता है, इसके बावजूद गौ से जुड़े कुछ प्रयोग ऐसे हैं, जो हर परिस्थिति में अनुकूल परिणाम ही देते हैं, इस लेख में मैंने केवल उन्हीं प्रयोगों को शामिल किया है।
सूर्य ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Sun
कुण्डली में सूर्य चाहे अनुकूल हो या प्रतिकूल, अगर गौ माता को नियमित रूप से साबुत गेहूं खिलाए तो जातक का सूर्य बलवान होता है, इसका परिणाम यह होता है कि जातक के प्रभाव और आधिपत्य में तेजी से बढ़ोतरी होती है।
चन्द्र ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Moon
कुण्डली में चंद्रमा कमजोर हो तो रात के समय गुनगुना गर्म गौरस (दूध) और सुबह उठते ही खाली पेट मक्खन खाए तो जातक के शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती है और राहु और शनि जैसे ग्रहों से क्षीण हुए चंद्रमा वाला जातक भी खिलखिलाने लगता है।
मंगल ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Mars
कुण्डली में मंगल कमजोर हो तो गाय को मूंग की दाल खिलाने से मंगल का दोष कम होता है, जिन जातकों के बारहवें भाव में मंगल हो और वे रात को चौंककर या डरकर बार बार उठते हों, उन्हें रोजाना सुबह के समय का कुछ समय गौवंश के बीच बिताना चाहिए तथा गौ की प्रदक्षिणा करनी चाहिए। इससे मंगल का दोष बहुत हद तक कम हो जाता है।
राहु ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Rahu
कुण्डली में राहु प्रतिकूल प्रभाव दे रहा हो तो गाय को नियमित रूप से जौ और ग्वार मिलाकर खिलाने से राहु का दुष्प्रभाव बहुत हद तक दूर हो जाता है। जौ-ग्वार खिलाने के बाद जातक को गाय की पूंछ अपनी आंखों के भी लगानी चाहिए।
गुरु ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Jupiter
कुण्डली में गुरु प्रतिकूल प्रभाव दे रहा हो तो केवल गौवंश के दर्शन मात्र से ही गुरु के दोष दूर हो जाते हैं। ऐसे में जातक को गायों के बाड़े अथवा गौशाला में दिन का कुछ समय आवश्यक रूप से बिताना चाहिए।
शनि ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Saturn
कुण्डली में शनि विपरीत प्रभाव दे रहा हो तो गाय के खुर के नीचे की मिट्टी लेकर उसका भाल पर तिलक करने से न केवल शनि की बाधा दूर होगी, बल्कि लाभ के नए मार्ग स्वत: खुलते चले जाएंगे।
बुध ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Mercury
कुण्डन्ली में बुध विपरीत प्रभाव दे रहा हो तो हरी पत्तेदार सब्जियां गाय को खिलाने से बुध की बाधा शीघ्र दूर होती है। व्यापार से जुड़े लोग अगर नियमित रूप से यह कार्य करे तो व्यापार में कभी पैसा फंसकर रुकेगा नहीं।
केतु ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Ketu
कुण्डली में केतु विपरीत प्रभाव दे रहा हो तो दोरंग की खाद्य वस्तुएं अथवा सफेद तथा काले दोनों प्रकार के तिल गुड़ में मिलाकर गाय को शाम के धुंधलके में खिलाने से केतु की बाधा दूर होती है।
शुक्र ग्रह के लिए गौ माता के ज्योतिषीय उपाय
Cow Related Astrological Remedy for Venus
कुण्डली में शुक्र विपरीत प्रभाव दे रहा हो तो सुबह ठण्डे समय अथवा रात को जब गाय बैठकर जुगाली कर रही हो, उस समय गुड़ की भेली नियमित रूप से खिलाने से शुक्र बलवान होता जाएगा। अपने घर के सामने गौ के बैठने स्थान बनाएं, अगर वहां गाय माता बैठने लगे तो आपके घर में लक्ष्मी का वास होने लगेगा।
गौ माता के सर्वांगीण शुभ ज्योतिषीय उपाय
Cow Related All Purpose Astrological Remedy
- घर में प्रवेश का कुछ स्थान कच्चा रखकर वहां गोबर लीपा जाए तो परिवार का मुखिया और प्रमुख गृहिणी पर किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता है, अगर कोई कष्ट आसन्न भी हो तो उसका प्रभाव नगण्य हो जाता है।
- गाय की पीठ पर नियमित रूप से हाथ फेरने पर असाध्य कष्टदायक रोग भी धीरे धीरे ठीक होने लगते हैं।
- गौवंश की सेवा, बिना लाभ लिए करने वाला जातक मृत्यु के समय बिल्कुल कष्ट नहीं पाता, सहज मृत्यु का वरण करता है।
- गौवंश को पानी पिलाने से चंद्रमा मजबूत होता है।
- घर का बासी खाना अगर गौवंश को दिया जाए, तो अधिक अन्न बनाकर उसका नाश करने का दोष नहीं लगता।
- मानसिक रोगी भी अगर गौशाला अथवा गोचर में गायों के बीच कुछ देर झपकी लेने का क्रम बनाए तो रोग कटने लगता है।
- किसी वास्तु संरचना में दोष महसूस हो तो उस स्थान पर कुछ समय तक गौवंश को रखे और वहां से गोबर और गौमूत्र पड़ा रहने दें, तो दोष समाप्त हो जाता है।
- यात्रा पर रवाना होते समय अगर गाय और उसके बछड़े का दर्शन हो तो यात्रा अवश्य सफल होती है।
- गाय की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है, अगर बच्चों को नजर लग जाए तो गाय की पूंछ छुआने से खराब प्रभाव दूर हो जाता है।
गाय के भीतर देवताओं का वास
Deities Residing in Cow (Gau Mata)
- सींग में भगवान शिव
- उदर में कार्तिकेय
- मस्तक में ब्रह्मा
- ललाट में रुद्र
- सींग के शीर्ष पर इंद्र
- कानों में अविश्नी कुमार
- आंखों में सूर्य और चंद्रमा
- दांतों में गरुड़ भगवान
- जिह्वा में मां सरस्वती
- अपान में सभी तीर्थ
- मूत्र स्थान में गंगाजी
- दक्षिण पार्श्व में वरुण एवं कुबेर
- वाम पार्श्व में महाबली यक्ष
- रोमकूपों में ऋषिगण
- पृष्ठभाग में यमराज
- खुरों के पिछले भाग में अप्सराएं
- मुख के भीतर गंधर्व
- नासिक अग्र भाग में सर्प
- गोबर में लक्ष्मी
- गोमूत्र में भवानी
- थनों में समुद्र
सेवाओं की जानकारी तथा फीस जमा कराने के विकल्प