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आज के लेख में मैं आपको अपनी कुण्डली बनाने का सबसे आसान तरीका बता रहा हूं। पुराने समय में कुण्डली बनाना कुण्डली देखने से कहीं अधिक कठिन काम हुआ करता था। एक 11 पेज की कुण्डली बनाने में अभी दो ढाई दशक पहले तक तीन से चार दिन का समय लगता था, लेकिन अब तकनीक ने इस कठिनाई को हल कर दिया है।
गणित के मूल रूप से दो भाग होते हैं। पहले भाग को हम गणित कह सकते हैं। वेदांग ज्योतिष में जिस ज्योतिष की बात की गई है, उसमें अधिकांशत: इसी ज्योतिषीय गणित का उल्लेख है। इसमें फलित भाग बहुत कम मिलता है, लेकिन एस्ट्रोनॉमी यानी खगोल विज्ञान के बारे में अधिक सटीक गणित दी गई है। इतनी सटीक कि आज हजारों साल बाद भी उन्हीं गणना पद्धतियों के सहारे हम आकाशीय पिण्डों की सही स्थिति के बारे में जानकारी दे सकते हैं।
कम्प्यूटर के आविष्कार के बाद इन गणनाओं को स्विस एम्फीमरीज की सहायता से आसान बना दिया गया है। अब कुण्डली बनाने में अधिक वक्त नहीं लगता। साथ ही कुण्डली की सटीकता भी कहीं अधिक हो गई है। प्रोफशनल स्तर पर गणनाएं करने वाले सॉफ्टवेयर कहीं अधिक महंगे हैं, लेकिन कुछ मोबाइल एप ऐसे हैं, जिनसे तत्काल सटीक कुण्डली बनाई जा सकती है।
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आप इस लिंक पर क्लिक कर इन एप्प के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और एप्प इंस्टॉल कर सकते हैं। ये सभी एप्प नि:शुल्क हैं। आगे मैं इन एप्प के इस्तेमाल का तरीका बताता हूं।
हिंदू कलेण्डर Hindu Calander
यह मेरा पसंदीदा एप्प है। इसका कारण है कि यह बहुत सरल रीति से बनाया गया है, उलझने के बजाय इसमें सपाट तरीके से कुण्डली, पंचांग, त्योहार और तिथियों की जानकारी मिल जाती है। ऊपर दिए लिंक से एप्प को इंस्टॉल करने के बाद आपको ओपनिंग स्क्रीन इस प्रकार दिखाई देगी।
इसमें पहला आइकन मासिक कलेण्डर की शक्ल में माह का पांचांग दिखाता है, पांचांग वाले आइकन में पंचांग के पांचों अंग यथा तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार और कुछ विस्तार से जानकारियां देता है। तीसरा आइकन आने वाले दिनों के व्रत त्योहार की जानकारी देता है, चौथा मेरी तिथि उन लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी टूल है, जो अपने जीवन की महत्वपूर्ण तिथियों को ईस्वी सन के बजाय सनातन गणना पद्धति से संजोकर रखना चाहते हैं। चौथा आइकन आपकी कुण्डली बनाने के लिए है। इसमें चार डाटा आपको डालने होते हैं, नाम, जन्मतिथि, जन्म समय और जन्म स्थान। जन्म स्थान डालने के लिए आपको मैन्यू को विस्तारित करना होता है। छठे आइकन में कुण्डली मिलान की भी सुविधा दी गई है। आगे ज्योतिष और हिंदू समय कुछ एडवांस यूजर्स के लिए है। आप उन्हें देखेंगे तो आसानी से समझ जाएंगे।
एस्ट्रोसेज Astrosage
ओजस सॉफ्टवेयर का यह एप्प सर्वाधिक ज्योतिष प्रेमियों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इसमें क्लाउड पर कुण्डली सुरक्षित रखने की सुविधा भी है। मेरे पास आए काफी लोग अपने एंड्रायड मोबाइल में इस एप्प में कुण्डली सेव करके रखे होते हैं। इसमें ओपनिंग स्क्रीन इस प्रकार दिखाई देगी।
इसके ओपनिंग स्क्रीन पर ही आपको पहला आइकन कुण्डली बनाने का मिलता है। इसके अलावा इसमें होरोस्कोप मैचिंग यानी कुण्डली मिलान, पंचांग और केपी सिस्टम की सुविधाएं भी दी गई हैं। इस एप्प में फलादेश भी मिलते हैं, लेकिन ये फलादेश मशीन जनरेटेड है, टाइम पास के लिए अच्छे हैं, लेकिन कोई ठोस फलादेश इनसे नहीं मिलता है। वर्षफल और लाल किताब के रूप में अतिरिक्त फीचर जोड़े गए हैं। इन दोनों को भी आप खाली समय में अपनी कुण्डली को पढ़ने के लिए उपयोगी पाएंगे, हालांकि फलादेश के कोण से ये बेकार ही हैं, लेकिन काफी लोगों को अपने बारे में लंबा चौड़ा लिखा पसंद होता है, उनके लिए यह काम की चीज है।
Drik Panchang (Hindu Calander)
यह एप्प भी हिंदू कलेण्डर नाम से ही मिलेगा, हालांकि यह पहले बताए हिंदू कलेण्डर से भिन्न है, लेकिन पता नहीं क्यों द्रिक पंचांग वालों ने अपने एप्प का ठीक यही नाम रख दिया है। द्रिक पंचांग की वेबसाइट बहुत ही शानदार है, इस एप्प में भी उन्होंने अधिकांश सुविधाएं शामिल करने का प्रयास किया है। यह मेरा पसंदीदा होने का कारण इतना ही है कि इसमें आने वाले त्योहारों और उन त्योहारों के मुहूर्त बहुत ही सटीकता और विश्लेषण के साथ पेश किए जाते हैं। द्रिक पंचांग वालों ने इस मामले में बहुत शोध और समय लगाया है और उसका परिणाम भी दिखाई देता है। इसका ओपनिंग स्क्रीन इस प्रकार दिखाई देगा।
इसमें लेफ्ट मैन्यू को खोलने पर आपको पंचांग, दैनिक पंचांग, त्योहार, तिथि और दूसरे पाले में वैदिक राशिफल और कुण्डली मिलते हैं। इसमें भी आप अपनी कुण्डली बना सकते हैं।
इसके अलावा बहुत से पेड और फ्री दोनों प्रकार के ज्योतिष सॉफ्टवेयर गूगल एप्प स्टोर पर मिल जाएंगे। उनमें आप अपना जन्म विवरण डालकर कुण्डली भी बना सकते हैं और मेलापक भी कर सकते हैं। इन दोनों कार्यों के लिए अब ज्योतिषी पर निर्भरता समाप्त हो गई है। बहुत सालों तक छोटे बड़े शहरों में ऐसे कॉर्नर खुले हुए थे जो सौ या डेढ़ सौ रुपए लेकर आपकी कुण्डली छापकर देते थे, अब इन एप्प के बाद उनकी उपादेयता भी समाप्त हो गई है।