मानसागरी के अनुसार लग्न और राशिवार जातकों के गुण
मानसागरी ज्योतिष गणित और फलित के सबसे सशक्त शास्त्रों में से एक है। पांच खण्डों में बंटी मानसागरी में विभिन्न लग्नों और विभिन्न राशियों में पैदा हुए जातकों के लक्षण स्पष्ट बतलाए गए हैं। कई बार किसी जातक की लग्न कुण्डली बलवान होती है तो किसी जातक की चंद्र कुण्डली। ऐसे में मानसागरी ने राशिवार लग्न और चंद्रराशि के लक्षण दिए हैं।
इन लक्षणों को देखकर निर्णय किया जा सकता है कि जातक का मूल स्वभाव इनसे कितना मेल खाता है। कई बार लग्न और चंद्र दोनों के फल भी दिखाई देते हैं। ऐसे में गंभीरतापूर्वक ज्योतिषी को खुद ही निर्णय करना पड़ता है कि लग्न और चंद्र में से किसे महत्व दे। लग्न और राशि भिन्न होना सामान्य बात है, ऐसे में दोनों के लक्षण स्पष्ट रूप से अलग अलग एक ही व्यक्ति में दिखाई दे सकते हैं।
यहां लग्न औ राशि दोनों के लक्षण दिए जा रहे हैं। आप स्वयं भी अपना आकलन कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर किसी जातक का मेष लग्न और धनु राशि है, तो वह मेष खण्ड में लग्न का विवरण पढ़े और राशि खण्ड में राशि का विवरण। जातक में दोनों के अधिकतम प्रभाव आ सकते हैं। जिन जातकों का लग्न और चंद्र राशि एक ही हो, यानी लग्न में ही चंद्रमा हो, उनमें लक्षण पूरी तरह स्पष्ट आएंगे।
मेष लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक घोर, मानी, धनी, सुंदर, क्रोधी, भाइयों का नाश करने वाला, पराक्रमी और पराये का प्यारा होता है।
मेष राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक चंचल नेत्रों वाला, प्राय: रोगी, धर्म और धन दोनों का मूल्यांकन करने वाला, भारी जंघाओं वाला, कृतघ्न, पापरहित, राजा को मान्य, कामिनियों को आनंदित करने वाला, दानी, जल से भयभीत रहने वाला और कठोर कार्य करने वाला परंतु अंत में विनम्र होता है।
वृषभ लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक गुरु का भक्त, प्रिय बोलने वाला, गुणी, कृती, धनी, लोभी, वीर और सबका प्यारा होता है।
वृषभ राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक भोगी, दानी, पवित्र, कुशल, सत्त्वसंपन्न, महान् बली, धनवान, भोग-विलासरत, तेजस्वी और अच्छे मित्रों वाला होता है।
मिथुन लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक अभिमानी, भाइयों का प्यारा, दानी, भोगी, धनी, कामी, धीरे काम करने वाला और शत्रुओं को मारने वाला होता है।
मिथुन राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक मृदुभाषी, चंचल दृष्टि, दयालु, कामुक, संगीतप्रेमी, कंठ रोगी, यशस्वी, धनी, गुणवान, गौरवर्ण एवं लंबे शरीर वाला, कार्यकुशल, वक्ता, बुद्धिमान, दृढ़ संकल्प, सभी प्रकार से समर्थ और न्यायप्रिय होता है।
कर्क लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक भोगी, धर्मवान्, जनों का प्यारा, मिष्ठान्न आदि का भोजन करने वाला, सौभाग्यवाला और भाइयों का प्यारा होता है।
कर्क राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक कार्य करने वाला, धनवान, शूर, धार्मिक, गुरु का प्रिय, सिर से रोगी, अतीव बुद्धिमान, दुर्बल शरीर वाला, सभी कार्यों का ज्ञाता, प्रवासी, भयंकर क्रोधी, निर्बल, दु:खी, अच्छे मित्रों वाला, गृह में अरुचि रखने वाला तथा कुटिल होता है।
सिंह लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक भोगी, शत्रुओं को मारने वाला, छोटे पेट वाला, थोड़ी संतान वाला, उत्साह करने वाला और रण में पराक्रम करने वाला होता है।
सिंह राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक क्षमाशील, कार्य में समर्थ, मद्य-मांस में सदैव आसक्त, देश में भ्रमण करने वाला, शीत से भयभीत, अच्छे मित्रों वाला, विनयशील, शीघ्र क्रुद्ध होने वाला, माता-पिता का प्रिय, व्यसनी (नशा आदि बुरे कार्यों का अभ्यस्त) तथा संसार में प्रख्यात होता है।
कन्या लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक अनेक शास्त्रों में निपुण, सौभाग्य और गुणों से युक्त, सुंदर और सुरतप्रिय होता है।
कन्या राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा व्यक्ति विलासी, सज्जनों को आनंदित करने वाला, सुंदर, धर्म से परिपूर्ण, दानी, निपुण, कवि, वृद्ध, वैदिक मार्ग का अनुगामी, सभी लोगों का प्रिय, नाटक, नृत्य और गीत की धुन में आसक्त, प्रवासी एवं स्त्री से दु:खी होता है।
तुला लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक सुंदर बुद्धि वाला, अच्छे कर्मों से जीविका करने वाला, विद्वान, सब कलाओं को जानने वाला, धनवन और जनों में पूजित होता है।
तुला राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा व्यक्ति अकारण क्रोध करने वाला, दु:खी, मधुरभाषी, दयालु, चंचल नेत्रों एवं अस्थिर धन वाला, घर में ही पराक्रम दिखाने वाला, व्यापार में चतुर, देवताओं का पूजन करने वाला, मित्रों के प्रति दयालु, परदेशवासी तथा मित्रों का प्रिय पात्र होता है।
वृश्चिक लग्न के जातक की विशेषताएं
शौर्यवान (महावीर), धनवान, पंडित कुल में प्रधान, बुद्धिमान और सबका पालन करने वाला होता है।
वृश्चिक राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा व्यक्ति बाल्यावस्था से ही परदेश में रहने वाला, क्रूर स्वभाव वाला, शूर, पीले नेत्रों वाला, परस्त्री में आसक्त, अभिमानी, अपने भाई-बंधुओं के प्रति निर्दयी, अपने साहस से धन प्राप्त करने वाला, अपनी माता के प्रति भी दुष्ट बुद्धि वाला, धूर्तता और चोरी की कला का अभ्यास करने वाला होता है।
धनु लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक नीतिमान, धर्मवान, सुंदर बुद्धिवाला, श्रेष्ठ कुलवाला, बुद्धिमान और सबका पालन करने वाला होता है।
धनु राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक शूर, सत्य बुद्धि से युक्त, सात्त्विक, मनुष्यों के हृदय को आनंदित करने वाला, शिल्प (मूर्तिकला)-विज्ञान से संपन्न, धन से युक्त, सुन्दर स्त्री वाला, अभिमानी, चरित्रवान, सुंदर शब्दों को बोलने वाला, तेजस्वी, मोटे शरीर वाला तथा कुल का नाशक होता है।
मकर लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा जातक नीचकर्म करने वाला, बहुत संतान वाला, लोभी, नष्ट, आललसी और अपने काम में उद्यम करने वाला होता है।
मकर राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा व्यक्ति अपने कुल में सबसे हीन अवस्था वाला, स्त्रियों से वशीभूत, विद्वान, परनिंदक, संगीतज्ञ, सुंदर स्त्रियों का प्रिय पात्र, पुत्रों से युक्त, माता का प्रिय, धनी, त्यागी, अच्छे नौकरों वाला, दयालु, बहुत भाइयों (परिवार) वाला तथा सुख के लिए अधिक चिंतन करने वाला होता है।
कुंभ लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा मनुष्य स्थिर चित्त वाला, बहुत मित्रों वाला, सदा पराई स्त्री में रत, कोमल अंगों वाला और महासुखी होता है।
कुंभ राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा मनुष्य दानी, आलसी, कृतज्ञ, हाथी, घोड़ा और धन का स्वामी, शुभ दृष्टि एवं सदैव कोमल स्वभाव वाला, धन और विद्या हेतु प्रयत्नशील, पुत्र से युक्त, स्नेहयुक्त, यशस्वी, अपनी शक्ति से धन का उपभोग करने वाला तथा निर्भीक होता है।
मीन लग्न के जातक की विशेषताएं
ऐसा मनुष्य रत्न और सोने से पूरित, थोड़ी कामना वाला, बहुत दुर्बल और बहुत देर तक चिंतन करने वाला होता है।
मीन राशि के जातक की विशेषताएं
ऐसा व्यक्ति गंभीर चेष्टा करने वाला, शक्तिशाली, बोलने में चतुर, मनुष्यों में श्रेष्ठ, क्रोधी, कृपण, ज्ञानसंपन्न, श्रेष्ठ गुणों से युक्त, कुल में प्रिय, नित्य सेवाभाव रखने वाला, शीघ्रगामी, नृत्य-गीतादि में कुशल, शुभ दर्शन वाला तथा भाई-बंधुओं का प्रेमी होता है।