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याददाश्त बढ़ाने के लाल किताब के उपाय | Lal Kitab remedies to increase memory

याददाश्त बढ़ाने के लाल किताब के उपाय | Lal Kitab remedies to increase memory
याददाश्त बढ़ाने के लाल किताब के उपाय | Lal Kitab remedies to increase memory

याददाश्त बढ़ाने के लाल किताब के उपाय

Lal Kitab remedies to increase memory

इन दिनों परीक्षाओं (Examination) का भूत सिर पर है। ऐसे में पूरे साल में पढ़ा गया कोर्स एकसाथ याद करने का दबाव बना हुआ होता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी याददाश्‍त (Memory) बहुत जरूरी है। लाल किताब (Lal kitab) में कई प्रकार की याददाश्‍त (Memory tips) के बारे में बताया गया है। जिस स्रोत से ये उपाय प्राप्‍त हुए हैं, उनका दावा है कि ये उपचार शत प्रतिशत काम करते हैं।

सामान्‍य याददाश्‍त के लिए (General memory for all)

थोड़े से चावल लीजिए, उन्‍हें हल्‍दी के घोल से रंग लीजिए। इन चावलों को शिव मंदिर में जाकर चढ़ा दीजिए और शिवजी से प्रार्थना कीजिए कि वे आपकी याददाश्‍त को बढ़ाएं। मंदिर में कुछ चावलों को छोड़कर शेष चावल घर ले आएं। घर लाए चावलों को चांदी की एक चौकोर डिब्‍बी में रखकर अपनी माता को भेंट कर दें। वे इस डिब्‍बी को संभालकर घर के उत्‍तरी-पूर्वी कोने में रखेंगी।

विश्‍लेषणात्‍मक याददाश्‍त के लिए (Analytical memory) : दूध का कुल्‍हड़ रोजाना मंदिर में दान करके आएं। यह तेरह दिन तक करना है, नियमित रूप से।

गणित और विज्ञान संबंधी याददाश्‍त के लिए (Maths and science) : छोटे फूलों वाली बनियान (महिलाओं के मामले में अंतरंग वस्‍त्र) पहनना शुरू करें। इस पर पीले रंग के एब्रोइडरी या पेंटिंग वाले फूल हो सकते हैं।

सामान्‍य ज्ञान की याददाश्‍त के लिए (For general knowledge) : कांसे के छोटे बर्तन में सरसों के तेल में हल्‍दी पाउडर को गूंथकर गोला बनाएं। इसे पीपल के पेड़ पर चढ़ाकर आएं। पेड़ के नीचे इसे रखकर अपने पूर्वजों से प्रार्थना करें कि वे आपकी स्‍मृति को बढ़ाएं। इस गोले का एक छोटा भाग पेड़ के नीचे ही रख आएं और शेष हिस्‍से को घर ले आएं। इसे अपनी माता को दे दें, ताकि वे इसे घर के उत्‍तरी पूर्वी कोने में सुरक्षित स्‍थान पर रखें।

सभी के लिए पारंपरिक उपचार (Traditional remedy for all) : गले में छह मुखी रुद्राक्ष की माला पहनें। इसमें दो पांच मुखी रुद्राक्ष भी होने चाहिए। यह माला सफेद धागे में पिरोई हुई होनी चाहिए। यह माला शुक्‍ल पक्ष के सोमवार को शिव आराधना के बाद पहनी जा सकती है।