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वास्तु और ज्योतिष में मोर के पंख का उपयोग Morpankh in vastu and astrology

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Morpankh in vastu and astrology
वास्तु और ज्योतिष में मोर के पंख का उपयोग

प्राचीन काल से ही नजर उतारने व भगवान की प्रतिमा के आगे वातावरण को पवित्र करने के लिए भी मोर पंख (Morpankh) का ही प्रयोग होता आया है. मोर पंख का उपयोग वशीकरण, कार्यसिद्धि, भूत बाधा, रोग मुक्ति, ग्रह वाधा, वास्तुदोष निग्रह आदि में महत्पूर्ण माना गया हैं, इसे सर पर धारण करने से विद्या लाभ मिलता है या सरस्वती माता के उपासक और विद्यार्थी पुस्तकों के मध्य अभिमंत्रित मोर पंख रख कर लाभ उठा सकते हैं. मंत्र सिद्धि के लिए जपने वाली माला को मोर पंखों के बीच रखा जाता हैं।

घर में अलग अलग स्थान पर मोर पंख रखने से घर का वास्तु बदला जा सकता है. नव ग्रहों की दशा से बचने के लिए भी होता है मोर पंख का प्रयोग. कक्ष में मोर पंख वातावरण को सकारात्मक बनाने में लाभदायक होता है. ग्रहों को शांत करने में मोर पंख आपकी सहायता कर सकता है।

आयुर्वेद में भी मोर के पंख से तपेदिक, दमा, लकवा, नजला तथा बांझपन जैसे रोगों का सफलतापूर्वक उपचार संभव होता हैयही मोर का पंख हमारे ज्योतिष शास्त्र एवं वास्तु शास्त्र के द्वारा मनुष्य जीवन में भाग्यशाली सिद्ध होता है – एक मोर का पंख हमारे जीवन कि दिशा बदलने में सहायक है।

  1. घर के दक्षिण.पूर्व कोण में लगाने से बरकत बढती है व अचानक कष्ट नहीं आता है।
  2. मोर का पंख घर में रखने से सांप घर में प्रवेश नहीं करता।
  3. यदि मोर का एक पंख किसी मंदिर में श्री राधा कृष्ण कि मूर्ती के मुकुट में 43 दिन के लिए स्थापित कर प्रतिदिन मक्खन मिश्री काभोग सांयकाल को लगाए 44 वें दिन उसी मोर के पंख को मंदिर से दक्षिणा भोग दे कर घर लाकर अपने खजाने या लाकर्स में स्थापित करें तो आप स्वयं ही अनुभव करेंगे कि धन-सुख शान्ति कि वृद्धि हो रही है किसी रुके कार्य भी इस प्रयोग के कारण बनते जा रहे है।
  4. बच्चा जिद्दी हो तो इसे छत के पंखे के पंखों पर लगा दे ताकि पंखा चलने पर मोर के पंखो की हवा बच्चे को लगे धीरे.धीरे हव जिद्द कम होती जायेगी।
  5. मोर व सर्प में शत्रुता है अर्थात सर्प, शनि तथा राहू के संयोग से बनता है यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर. पश्चिम दीवार में या अपनी जेब व डायरी में रखा हो तो राहू का दोष की भी नहीं परेशान करता है तथा घर में सर्प मच्छर बिच्छू आदि विषेलें जंतुओं का य नहीं रहता है।
  6. नवजात बालक के सिर की तरफ दिन.रात एक मोर का पंख चांदी के ताबीज में डाल कर रखने से बालक डरता नहीं है तथा कोईभी नजर दोष और अला बला से बचा रहता है।
  7. यदि शत्रु अधिक तंग कर रहें हो तो मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उसका नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात र रखें प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए चलते पानी में भी देने से शत्रुए शत्रुता छोड़ कर मित्रता का व्यवहार करने लगता है इस प्रकार के अनेकों प्रयोगों का धर्मशास्त्रों में वर्णन मिलता है।
  8. इस पक्षी के मांस से सांप के जहर और अन्य कई विकृतियों का इलाज किया जाता था।