अबकी बार भाजपा सरकार : केपीसीसी पद्वति से मिला स्पष्ट संकेत
कृष्णमूर्ति पद्वति में कंपोजिट कुंडलियों पर आधारित नयी और भरोसेमंद तकनीक मैंने ढूंढ ली है और इसका पहली बार प्रयोग हो रहा है। इसे में इस लेख में प्रयोग कर रहा हूं। सामान्यतः इसका प्रयोग पश्चिमी देशोंं में होता है। इस पद्वति के आविष्कारक लगातार इसका विकास और प्रसार कर रहे हैं। कोई दूसरी ज्योतिषीय विधि नहीं है, जो विवाह मेलापक, पिता-पुत्र संबंध, व्यवसाय साझीदार संबंध, दो देशों के आपसी संबंधों के बारे में कंपोजिट कुंडलियों के आधार पर सटीकता से बता सके। कंपोजिट चार्टस से हम किसी भी दो संबंधों के बारे में कल्पनातीत भविष्यवाणी कर सकते हैं।
केपी पद्वति में भी कंपोजिट चार्टस विधि का प्रयोग किया जा सकता है। कंपोजिट चार्टस विधि संबंधों के बारे में नयी तरीके से सटीक संकेत करती है। जहां भी दो व्यक्ति, दो देश, दो समुदाय आपस में संबंधित हैं, इस विधि से हम बता सकते हैं कि उनके बीच का रिश्ता कैसा रहेगा। पहली बार जब मैंने कंपोजिट चार्टस पर काम किया तो मेरे मन में भी कई संदेह थे और पहला यही कि दो चार्ट क्यों परिणाम बताने लगे। लेकिन जब मैंने बहुत सारे चार्ट देखे और पाया कि केपी पद्वति में कैसे इसका प्रयोग किया जा सकता है। क्योंकि मेरे अनुभव में इसके परिणाम बड़े ही चौंकाने वाले आए। इसलिए मैंने केपी पद्वति में कंपोजिट चार्ट की विधि को विकसित करना जरूरी समझा। केपी समुदाय में यह पहली बार हो रहा है। इसमें कई तरह की पेचीदगी भी है, लेकिन मैंने इसे आसान बनाने पर भी ध्यान दिया है। ऐसे लोग जो गणितीय गणना आसानी से कर लेते हैं, वे समझ सकते हैं कि इस लेख में मैं क्या कहना चाह रहा हूं। आलोचकों को सुनने से पहले मैं यही कहना चाहूंगा कि पहले केपी पद्वति में आपसी संबंधों के कंपोजिट चार्ट के परिणाम आ जाने दो। उसके बाद किसी को भी इसकी आलाचना या समालोचना का मौका हासिल करना चाहिए।
यह लेख दो हिस्सों में है। पहले भाग में कंपोजिट कुंडली बनाने के लिए उसकी विस्तार से गणना है और दूसरे भाग में कंपोजिट पार्ट को पढ़ने का तरीका है। अनुभवी केपी ज्योतिषी पाएंगे कि कैसे केपी पद्वति में कंपोजिट चार्ट से रिश्तों के बारे में आसानी से बताया जा सकता है।
पार्ट 1 : कुंडली बनाना
कंपोजिट कंडली ग्रहों के युग्म के मध्य भाग और दो नटाल चार्ट के बारह भावों पर बनती है। जैसे एक कुंडली का सूर्य और दूसरे का सूर्य, एक का चंद्र और दूसरे का चंद्र, इसी प्रकार सभी नौ ग्रहों और बारह भावों को लेते हैं। दो सूर्य का मध्य भाग कंपोजिट सूर्य हुआ। दो चंद्र का मध्य भाग कंपोजिट चंद्र हुआ। इसी तरह अन्य् ग्रहों को लेना है। दो अन्य बिंदुअों के राशि मध्य में मध्य बिंदू होता है। पूरा ज्योतिषीय सिद्धांत इन्हीं बिंदुओं पर आधारित है। सभी कुंडलियों में सूर्य, बुध और शुक्र हमेशा साथ रहते हैं। कभी-कभी एक भाव आगे और पीछे हो जाते हैं। कंपोोजिट कुंडली में हम देखते हैं सूर्य-बुध या शुक्र-बुध आमने-सामने हो जाते हैं, जो साधारण कुंडली गणना में असंभव बात है।
पार्ट 2: कुंडली देखना
ग्रह या भाव का मध्य भाग निकालने के बाद एकल कुंडली में संबंधित भावों के उप स्वामी निकालते हैं और उनके भावस्थ एवं स्वामियों को चेक करते हैं। यह यदि सकारात्मक है तो दो व्यक्तियों, दो समुदायों या दो देशों के बीच मैचिंग अच्छी है।
पार्ट 3: दशा देखना
कस्प और ग्रह के मध्य भाग की गणना कर लेने और संबंधित उप नक्षत्र को चेक करने के बाद हम दोनों चार्ट के मध्य भाग तारीख निकालते हैं। उदाहरण के लिए इसे इस तरह समझ सकते हैं।
नाम: स्वतंत्र भारत
जन्म तारीखः 15/08/1947
जन्म समयः 00:00:00 रात
जन्म स्थान: लाल किला, दिल्ली
Lon/Lat: 28° N 40′, 77° E 14′,
अयनांशः 230.02′.08″
नाम: भाजपा
जन्म तारीखः 06/04/1980,
जन्म समयः 11:45:00 सुबह (ज्योतिषी केएन राव के अनुसार)
जन्म समय: दिल्ली
Lon/Lat: 28° N 39′, 77° E 13′,
अयनांशः 230.29′.29″
भाव गणित
भाजपा की लग्न: 02.230.41′.38″ + भारत की लग्न: 01.070.52′.25″
04.010.34′.03″ ÷ 2= 02.150.47′.02″ भाजपा-भारत कंपोजिट लग्न
भाजपा 2 वीं कस्प: 03.160.26′.23″ + भारत 2 नीं कस्प: 02.030.28′.08″
05.190.54′.31″ ÷ 2= 02.240.57′.16″ भाजपा-भारत 2 वीं कस्प
भाजपा 3 वीं कस्प: 04.120.06′.09″ + भारत 3 वीं कस्प: 02.260.39′.55″
07.080.46′.04″ ÷ 2= 03.190.23′.02″ भाजपा-भारत 3 वीं कस्प
भाजपा 10 वीं कस्प:11.120.40′.13″ + भारत 10 वीं कस्प: 09.210.33.50″
21.040.14′.03″ ÷ 2= 10.170.07′.02″ भाजपा-भारत 10 वीं कस्प
भाजपा 11 वीं कस्प:00.170.24′.55″ + भारत 11 वीं कस्प: 10.210.43′.33″
11.090.08′.28″ ÷ 2= 05.190.34′.14″ भाजपा-भारत 11 वीं कस्प
+ 06=11.190.34′.14″
नोट: जब हमें भाव डिग्री में असमानता मिलती है, जैसे यहां 11 वे भाव में दिख रही है। तब हमें अगली या वही राशि लेनी है, जो दसवें भाव में है। लेकिन यहां हम कुछ दूसरा ही परिणाम प्राप्त कर रहे हैं। इस केस में हमें कुंडली को सही करने के लिए छह राशि जोड़नी या घटानी हैं।
भाजपा 12 वीं कस्प: 01.220.11′.17″ + भारत 12 वीं कस्प: 11.280.48′.52″
13.210.00′.09″ ÷ 2= 06.250.30′.05″ भाजपा-भारत 12 वी कस्प
+ 06 = 00.250.30′.05″
अन्य छह भाव जानने के लिए ऊपरी कंपोजिट राशियों में 6 राशि जोड़ते जाएंगे।
ग्रह गणित
भाजपा सूर्य: 11.230.06′.28″ + भारत सूर्य: 03.280.04′.31″
14.510.10′.59″ ÷ 2= 07.250.35′.30″ भाजपा-भारत कंपोजिट सूर्य
भाजपा चंद्र: 07.260.08′.25″ + भारत चंद्र: 03.040.04′.11″
11.000.12′.36″ ÷ 2= 05.150.06′.18″ भाजपा-भारत कंपोजिट चंद्र
भाजपा मंगल: 04.020.22′.46″ + भारत मंगल: 02.070.32′.33″
06.090.55′.19″ ÷ 2= 03.040.57′.40″ भाजपा-भारत कंपोजिट मंगल
भाजपा बुध: 10.250.38′.28″ + भारत बुध: 03.130.45′.38″
14.090.44′.06″ ÷ 2= 07.040.42′.03″ भाजपा-भारत कंपोजिट बुध
भाजपा गुरु : 04.070.22′.24″ + भाजपा गुरु: 06.250.57′.50″
11.030.20′.14″ ÷ 2= 05.160.40′.07″ भाजपा-भारत कंपोजिट गुरु
भाजपा शुक्र: 01.080.54′.31″ + भारत शुक्र: 03.220.38′.50″
05.010.33′.21″ ÷ 2= 02.150.46′.41″ भाजपा-भारत कंपोजिट शुक्र
भाजपा शनि: 04.280.24′.41″ + भारत शनि: 03.200.33′.33″
08.180.58′.14″ ÷ 2= 04.090.29′.07″ भाजपा-भारत कंपोजिट शनि
भाजपा राहु: 04.030.18′.25″ + भारत राहु: 01.050.09′.21″
05.080.27′.46″ ÷ 2= 02.190.13′.53″ भाजपा-भारत कंपोजिट राहु
भाजपा-भारत कंपोजिट केतु: 02.190.13′.53″+ 6 sign = 08.190.13′.53″
कस्प सूची
कस्प | राशि, डिग्री, मिनट | राशि स्वामी | नक्षत्र स्वामी | उप स्वामी |
1 | 02.150.47′.02″ | बुध | राहु | शुक्र |
2 | 02.240.57′.16″ | बुध | गुरु | बुध |
3 | 03.190.23′.02″ | चंद्र | बुध | शुक्र |
4 | 04.170.07′.02″ | सूर्य | शुक्र | चंद्र |
5 | 05.190.34′.14″ | बुध | चंद्र | बुध |
6 | 06. 250.30′.05″ | शुक्र | गुरु | बुध |
7 | 08.150.47′.02″ | गुरु | शुक्र | सूर्य |
8 | 08.240.57′.16″ | गुरु | शुक्र | बुध |
9 | 09.190.23′.02″ | शनि | चंद्र | बुध |
10 | 10.170.07′.02″ | शनि | राहु | शुक्र |
11 | 11.190.34′.14″ | गुरु | बुध | शुक्र |
12 | 00. 250.30′.05″ | मंगल | शुक्र | बुध |
ग्रह स्थिति सूची
ग्रह | राशि, डिग्री मिनट सेकेंड | राशि स्वामी | नक्षत्र स्वामी | उपस्वामी |
सूर्य+ | 07.250.35′.30″ | मंगल | बुध | राहु |
चंद्र | 05.150.06′.18″ | बुध | चंद्र | गुरु |
मंगल+ | 03.040.57′.40″ | चंद्र | शनि | शनि |
बुध | 07.040.42′.03″ | मंगल | शनि | शनि |
गुरु+ | 05.160.40′.07″ | बुध | चंद्र | शनि |
शुक्र | 02.150.46′.41″ | बुध | राहु | शुक्र |
शनि | 04.090.29′.07″ | सूर्य | केतु | शनि |
राहु | 02.190.13′.53″ | बुध | राहु | मंगल |
केतु | 08.190.13′.53″ | गुरु | शुक्र | राहु |
कंपोजिट चार्ट का कस्पल उपस्वामी: कंपोजिट चार्ट की लग्न का उपस्वामी शुक्र है। यह राहु के नक्षत्र स्वामी और अपने ही उप में है। शुक्र 1 में आसीन होकर छह का स्वामी है। नक्षत्र स्वामी राहु लग्न में है और शुक्र के साथ है, इसलिए शुक्र 1-6 का कारक और 1-6 से संबंधित है। इसलिए लग्न उपस्वामी लंबे जीवन का संकेत कर रहा है।
भाजपा के चार्ट में कंपोजिट चार्ट का कस्पल उपस्वामी
कंपोजिट चार्ट का 10 उप स्वामी शुक्र है। बीजेपी के चार्ट में शुक्र सूर्य के नक्षत्र में और अपने ही उप में है। शुक्र 5,12 भावों का स्वामी होकर 11 भाव में स्थित है। शुक्र के नक्षत्र में कोई ग्रह नहीं है और शुक्र 5,12 कस्प का उप स्वामी है। नक्षत्र स्वामी सूर्य 3 भाव का स्वामी होकर 10 भाव में स्थित है। अतः शुक्र 3,10 का कारक है और 5-11-12 भावों से सम्बंधित है। अतः 10 का उप स्वामी 3-10-11 भावों को दर्शाता है।
भाजपा के चार्ट में कस्पल उप स्वामीः कंपोजिट चार्ट के 10 का उप स्वामी शुक्र है। भारत के चार्ट में शुक्र बुध के नक्षत्र में और चन्द्रमा के उप में है। शुक्र 1 भाव का स्वामी होकर 4 में स्थित है. शुक्र के नक्षत्र में कोई ग्रह नहीं है और शुक्र 1-2-3-10 कस्प का उप स्वामी है। नक्षत्र स्वामी बुध 2-3-6- कस्प का स्वामी होकर 3 में स्थित है। उप स्वामी चन्द्रमा 4 भाव का स्वामी होकर 3 में स्थित है। अतः शुक्र 2-3-6 का कारक है और 1-4-2-3-10 भावों से सम्बंधित है। यद्धपि 10 का उप स्वामी 3-10 को सूचित कर रहा है।
दशा का निर्णय
भारत: 15-08-1947 + बीजेपी: 06-04-1980
21-12-3927÷2=10-12-1963 कंपोजिट जन्म तारीख
(आर ईश्वर मनु की ज्योतिषीय सूची के पेज नं. 55 के अनुसार)
बीजेपी-भारत कंपोजिट चन्द्र 05.150.06′.18″ डिग्री.
चन्द्र दशा 100.00′.00″ से 230.20′.00″ तक
दशा समाप्ति 230.20′.00″ से 150.06′.18″ तक, कंपोजिट चन्द्र =080.13′.42″ डिग्री तक
व.-म-दिन
80=06-00-00 + 13’= 00-01-29 + 42″= 00-00-03
06-02-02 बैलेंस दशा .
10-12-1963 कंपोजिट जन्म तारीख
12-02-1970 चन्द्र दशा समाप्ति
12-02-1977 मंगल दशा समाप्ति
12-02-1995 राहु दशा समाप्ति
12-02-2011 गुरु दशा समाप्ति
12-02-2030 शनि दशा समाप्ति
अब कंपोजिट चार्ट में शनि दशा चल रही है 12-02-2011 से 12-02-2030 तक
शनि में भुक्ति दशाएं
12-02-2011 शनि दशा शुरू
15-02-2014 शनि-शनि भुक्ति समाप्त
24-10-2016 शनि-बुध भुक्ति समाप्त
03-12-2017 शनि-केतु भुक्ति समाप्त
03-02-2021 शनि-शुक्र भुक्ति समाप्त
15-01-2022 शनि-सूर्य भुक्ति समाप्त
15-08-2023 शनि-चन्द्र भुक्ति समाप्त
24-09-2024 शनि-मंगल भुक्ति समाप्त
30-07-2027 शनि-राहु भुक्ति समाप्त
12-02-2030 शनि-गुरु भुक्ति समाप्त
कंपोजिट चार्ट में दशा-भुक्ति शनि-बुध रहेगा 24-10-2016 तक
भाजपा के चार्ट में कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी: कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी शनि है। शनि का नक्षत्र स्वामी सूर्य और भाजपा चार्ट में चंद्र के उप में है। शनि तीसरे भाव में आसीन है, जो 8-9 भाव का स्वामी है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं है। शनि 1-7-8-9 भावों का कस्पल उप स्वामी है। नक्षत्र स्वामी सूर्य 10 भाव में आसीन व 3 का स्वामी है। उपस्वामी चंद्र 6 मेंं आसीन होकर 2 का स्वामी है। इस प्रकार शनि 10-3 भावों का कारक है और 3-8-9-1-7-8-6-2 से संबंधित है। 10 वी कस्प का उपस्वामी 3-10 का संकेत करता है और 8 वे का संकेतक होना अपनी ही पार्टी में दुश्चिंता देना है।
भाजपा चार्ट में कंपोजिट चार्ट का भुक्ति स्वामी: कंपोजिट चार्ट का भुक्ति स्वामी बुध गुरु के नक्षत्र एवं भाजपा चार्ट में अपने ही उप में है। बुध 9 भाव में आसीन है और 1-4 का स्वामी है। नक्षत्र स्वामी गुरु 2 में है और 7-10 का स्वामी है। इस प्रकार बुध 2-7-10 का कारक और 9-1-4 से संबंधित है। इस तरह 10 का उप स्वामी 10 का सूचक है।
भारत के चार्ट में कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी: कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी शनि बुध के नक्षत्र एवं भारत चार्ट में शुक्र के उप में है। शनि 4 में आसीन हौकर 10-11 का स्वामी है। नक्षत्र स्वामी बुध 3 में आसीन होकर 2-3-6 का स्वामी है। उपस्वामी शुक्र 4 में आसीन होकर 1 का स्वामी है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं है। शुक्र 1-2-3-10 का उपस्वामी है। इस प्रकार शनि 2-3-6 का कारक व 4-10-11-1-2-3 से संबंधित है। इस तरह 10 वीं कस्प का उपस्वामी 3-10-11 का संकेतक है। .
भारत चार्ट में कंपोजिट चार्ट का भुक्ति स्वामी: कंपोजिट चार्ट का भुक्ति स्वामी बुध, शनि के नक्षत्र और भारत चार्ट में राहु के उप में है। बुध 3 में आसीन होकर 2-3-6 का स्वामी है। नक्षत्र स्वामी शनि 4 में आसीन होकर 10-11 का स्वामी है। उपस्वामी राहु 1 में वृष राशि में आसीन है, लिहाजा यह शुक्र का प्रतिनिधि है। शुक्र 4 में आसीन होकर 1 का स्वामी है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं है। शुक्र 1-2-3-10 का कस्पल उपस्वामी है। इस प्रकार बुध 4-10-11 का कारक और 2-3-6-1-4-2-3-10 से संबंधित है। इस तरह 10 वीं का उपस्वामी 3-10-11 का संकेत कर रहा है।
नाम: स्वतंत्र भारत
जन्म तारीखः 15/08/1947
जन्म समयः 00:00:00 रात
जन्म स्थान: लाल किला, दिल्ली
Lon/Lat: 28° N 40′, 77° E 14′,
अयनांशः 230.02′.08″
नाम: कांग्रेस आई
जन्म तारीखः 02/01/1978
जन्म समयः 11:59:00 सुबह (केएन राव अनुसार)
जन्म स्थान: दिल्ली
Lon/Lat: 28° N 39′, 77° E 13′,
अयनांशः 230.27′.35″
भाव गणित
कांग्रेस आई लग्न: 11.150.06′.26″ + भारत लग्न : 01.070.52′.25″
12.220.58′.51″ ÷2= 06.110.29′.26″- 6 राशि = 00.110.29′.26″
कांग्रेस आई-भारत कंपोजिट लग्न
नोट: जब भाव में असमानता हो, जैसे यहां लग्न भाव में है तो यह अगला या वही राशि 2 वें भाव की होगी, लेकिन यहां दूसरा ही परिणाम है। इस केस में हमें चार्ट सही करने के लिए छह राशि घटानी या जोड़नी होंगी।
कांग्रेस आई 2 वीं कस्प: 00.210.06′.19″ + भारत 2 वीं कस्प: 02.030.28′.08″
02.240.34′.27″÷2= 01.120.17′.14″ कांग्रेस आई-भारत 2 वीं कस्प
कांग्रेस आई 3 वीं कस्प: 01.180.21′.37″ + भारत 3 वीं कस्प: 02.260.39′.55″
04.150.01′.32″ ÷ 2= 02.070.30′.46″ कांग्रेस आई-भारत 3 वीं कस्प
कांग्रेस आई 10 वीं कस्प:08.120.03′.29″ + भारत 10 वीं कस्प: 09.210.33.50″
18.030.37′.19″÷2=09.010.48′.40″ कांग्रेस आई-भारत 10 वीं कस्प
कांग्रेस आई 11 वीं कस्प: 09.060.30′.52″ + भारत 11 वीं कस्प: 10.210.43′.33″
19.280.14′.25″÷ 2= 09.290.07′.12″ कांग्रेस आई-भारत 11 वीं कस्प
कांग्रेस आई 12 वीं कस्प: 10.060.08′.51″ + भारत 12 वीं कस्प: 11.280.48′.52″
22.040.57′.43″÷2=11.020.28′.52″ कांग्रेस आई-भारत 12 वीं कस्प
अन्य छह कस्प निकालने के लिए हम 6 राशियां जोड़ेंगे।
ग्रह गणित
कांग्रेस आई सूर्य: 08.180.02′.50″ + भारत सूर्य: 03.280.04′.31″
12.160.07′.21″÷2=06.080.03′.40″ कांग्रेस आई-भारत कंपोजिट सूर्य
कांग्रेस आई चंद्र: 05.150.11′.33″ + भारत चंद्र: 03.040.04′.11″
08.190.15′.44″÷2=04.090.37′.52″ कांग्रेस आई-भारत कंपोजिट चंद्र
कांग्रेस आई मंगल: 03.150.15′.11″ + भारत मंगल: 02.070.32′.33″
05.220.47′.44″÷2=02.260.23′.52″ कांग्रेस आई-भारत कंपोजिट मंगल
कांग्रेस आई: 07.270.49′.05″ + भारत बुध: 03.130.45′.38″
11.110.34′.43″÷2=05.200.47′.22″ कांग्रेस आई-भारत कंपोजिट बुध
कांग्रेस आई गुरु: 02.060.14′.28″ + भारत गुरु: 06.250.57′.50″
09.020.12′.18″÷2=04.160.06′.09″ कांग्रेस आई-भारत कंपोजिट गुरु .
कांग्रेस-आई शुक्र: 08.130.16′.07″ + भारत शुक्र: 03.220.38′.50″
12.050.54′.57″ ÷ 2= 06.020.57′.29″ कांग्रेस-आई भारत कंपोजिट शुक्र.
कांग्रेस-आई शनि: 04.060.39′.16″ + भारत शनि: 03.200.33′.33″
07.270.12′.49″÷2=03.280.36′.25″ कांग्रेस-आई भारत कंपोजिट शनि.
कांग्रेस-आई राहु: 05.170.01′.43″ + भारत राहु: 01.050.09′.21″
06.220.11′.04″÷2= 03.110.05′.32″ कांग्रेस-आई -भारत कंपोजिट राहु.
कांग्रेस-आई-भारत कंपोजिट केतु: 03.110.05′.32″+ 6 राशि = 09.110.05′.32″
कस्प सूची
कस्प | राशि.डिग्री.मिनट. सेकेण्ड. | राशि स्वामी | नक्षत्र स्वामी | उप स्वामी |
1 | 00.110.29′.26″ | मंगल | केतु | बुध |
2 | 01.120.17′.14″ | शुक्र | चन्द्र | राहु |
3 | 02.070.30′.46″ | बुध | राहु | राहु |
4 | 03.010.48′.40″ | चन्द्र | गुरु | राहु |
5 | 03.290.07′.12″ | चन्द्र | बुध | शनि |
6 | 05.020.28′.52″ | बुध | सूर्य | गुरु |
7 | 06.110.29′.26″ | शुक्र | राहु | शनि |
8 | 07.120.17′.14″ | मंगल | शनि | मंगल |
9 | 08.070.30′.46″ | गुरु | केतु | राहु |
10 | 09.010.48′.40″ | शनि | सूर्य | गुरु |
11 | 09.290.07′.12″ | शनि | मंगल | शनि |
12 | 11.020.28′.52″ | गुरु | गुरु | राहु
|
ग्रह स्थित सारणी
ग्रह | राशि. डिग्री. मिनट.सेकेण्ड. | राशि स्वामी | नक्षत्र स्वामी | उप स्वामी |
सूर्य+ | 06.080.03′.40″ | शुक्र | राहु | राहु |
चन्द्र | 04.090.37′.52″ | सूर्य | केतु | शनि |
मंगल | 02.260.23′.52″ | बुध | गुरु | केतु |
बुध | 05.200.47′.22 | बुध | चन्द्र | शुक्र |
गुरु | 04.160.06′.09″ | सूर्य | शुक्र | सूर्य |
शुक्र + | 06.020.57′.29″ | शुक्र | मंगल | शुक्र |
शनि | 03.280.36′.25″ | चन्द्र | बुध | शनि |
राहु | 03.110.05′.32″ | चन्द्र | शनि | चन्द्र |
केतु+ | 09.110.05′.32″ | शनि | चन्द्र | चन्द्र |
कंपोजिट चार्ट का कस्पल उप स्वामी
कंपोजिट चार्ट के लग्न का उप स्वामी बुध है। कंपोजिट चार्ट में बुध चन्द्र के नक्षत्र में और शुक्र के उप में है। बुध 3, 6 भावों का स्वामी होकर 6 भाव में स्थित है। नक्षत्र स्वामी चन्द्र 4-5 कस्प का स्वामी होकर 5 में स्थित है। उप स्वामी शुक्र 6 में स्थित है। इस तरह बुध का कारक है और 3-6 से सम्बंधित है। अतः लग्न उप स्वामी लम्बे जीवन का संकेत कर रहा है।
कांग्रेस आई चार्ट में कंपोजिट चार्ट का कस्पल उप स्वामी
कंपोजिट चार्ट के 10 का उपस्वामी गुरु का नक्षत्र मंगल है। गुरु कांग्रेस आई के चार्ट में चंद्र के उप में है। गुरु 3 में स्थित होकर 1-10 का स्वामी है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं है और यह 1-2-7-8 का कस्पल उपस्वामी है। नक्षत्र स्वामी मंगल 5 में स्थित होकर 2-9 का स्वामी है। उपस्वामी चंद्र 7 में स्थित होकर 5 का स्वामी है। इस प्रकार गुरु 2-5-9 का कारक और 1-3-10-2-7-8-5 से संबंधित है। इस प्रकार 10 वीं कस्प का उपस्वामी 3-10 को इंगित करता है।
भारत चार्ट में कंपोजिट चार्ट का कस्प उपस्वामीः कंपोजिट चार्ट का 10 वीं कस्प का उपस्वामी गुरु अपने ही नक्षत्र भारत चार्ट में केतु के उप में है। गुरु 6 में स्थित होकर 8-9-12 का स्वामी है। उपस्वामी केतु 7 में आसीन है। कोई केतु के नक्षत्र में नहीं और यह 7-9 कस्प का उपस्वामी है। केतु वृश्चिक में है। इस प्रकार यह मंगल का प्रतिनिधि है। मंगल 2 मे स्थित होकर 7 का स्वामी है। इस प्रकार गुरु 6-8-9-12 का कारक और 7-9-2 से संबंधित है। इस तरह 10 वीं कस्प का उप स्वामी 3-10-11 का संकेत नहीं करता।
भारत चार्ट में कंपोजिट चार्ट का कस्पल उप स्वामीः कंपोजिट चार्ट के दसवें कस्प का उपस्वामी गुरु है। गुरु अपने नक्षत्र व भारत चार्ट में केतु के उप में है। गुरु 6 में होकर 8-9-12 भाव का स्वामी है। उप स्वामी केतु 7 में आसीन है। कोई ग्रह केतु के नक्षत्र में नहीं है और केतु 7-9 भाव का उप स्वामी है। केतु वृश्चिक में है। इस तरह यह मंगल का प्रतििनिध है। मंगल 2 में विराजमान होकर 7 का स्वामी है। इस प्रकार गुरु 6-8-9-12 का कारक है। यह 7-9-2 से संबंधित है। इस तरह 10 वीं कस्प का उप स्वामी 3-10-11 भावों का कारक नहीं है।
दशा निर्णय
भारत जन्म:15-08-1947 + भाजपा जन्म: 02-01-1978
17-09-3925÷2 = 24-10-1962 कंपोजिट जन्म तारीख
(आर ईश्र मनु की ज्योतिषीय सूची के पेज 54-55 के अनुसार)
कांग्रेस आई-भारत कंपोजिट चंद्र 04.090.37′.52″ डिग्री .
केतु दशा 000.00′.00″ से 130.20′.00″ तक
दशा अंत 130.20′.00″-090.37′.52″ कंपोजिट चंद्र=030.42′.08″
व-मा-ता
30= 01-06-27 + 42’= 00-04-02
01-10-29 दशा शेष
24-10-1962 कंपोजिट जन्म तारीख
23-09-1964 केतु दशा समाप्त
23-09-1984 शुक्र दशा समाप्त
23-09-1990 सूर्य दशा समाप्त
23-09-2000 चंद्र दशा समाप्त
23-09-2007 मंगल दशा समाप्त
23-09-2025 राहु दशा समाप्त
अभी कंपोजिट चार्ट में शुक्र दशा चल रही है 29-05-2000 से 29-05-2020 तक
शुक्र दशा में भुक्ति दशाएं
23-09-2007 राहु दशा आरंभ
05-06-2010 राहु-राहु भुक्ति समाप्त
29-10-2012 राहु-गुरु भुक्ति समाप्त
05-09-2015 राहु-शनि भुक्ति समाप्त
23-03-2018 राहु-बुध भुक्ति समाप्त
11-04-2019 राहु-केतु भुक्ति समाप्त
11-04-2022 राहु-शुक्र भुक्ति समाप्त
05-03-2023 राहु-सूर्य भुक्ति समाप्त
05-09-2024 राहु-चंद्र भुक्ति समाप्त
23-09-2025 राहु-मंगल भुक्ति समाप्त
कंपोजिट चार्ट में दशा-भुक्ति राहु-शनि है 24-10-2016 तक।
कांग्रेस की कुंडली में कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी: यह राहु है। राहु चंद्र के नक्षत्र और कांग्रेस की कुंडली में शनि के उप में है। राहु 7 में है, कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं है और राहु 4 कस्प का उप स्वामी है। राहु चंद्र के साथ है। नक्षत्र स्वामी चंद्र 7 में है। पांच भाव का स्वामी है और उप स्वामी शनि 6 में आसीन होकर 11-12 का स्वामी है। इस तरह राहु 5-7 का सूचक और 7-4-6-11-12 से संबंधित है। दशा स्वामी 11 का संकेत कर रहा है। .
कांग्रेस की कुंडली में कंपोजिट चार्ट का भुक्ति स्वामी: कंपोजिट चार्ट का भुक्ति स्वामी शनि है, शनि केतु के नक्षत्र और कांग्रेस कुंडली में राहु के उप में है। शनि 6 में बैठकर 11-12 का स्वामी है। नक्षत्र स्वामी केतु 1 में बैठा है। गुरु केतु को देख रहा है। गुरु 3 में आसीन और 1-10 का स्वामी है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं और यह 1-2-7-8 का कस्प उप स्वामी है। उप स्वामी राहु 7 में है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं और यह 4 कस्प का उप स्वामी है। राहु चंद्र के साथ है। चंद्र 7 में आसीन और 5 का स्वामी है। इस तरह शनि 1-3-10-2-7-8 का कारक और 6-11-12-7-4-5 से संबंधित है। इस तरह भुक्ति स्वामी सूर्य 3-10-11 का संकेतक है।
भारत कुंडली के कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी: कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी राहु है। राहु सूर्य के नक्षत्र और भारत कुंडली में बुध के उप में है। राहु 1 में है। शुक्र का प्रतिनिध है। शुक्र 4 में होकर 1 का स्वामी है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं और यह 1-2-3-10 का कस्प उप स्वामी है। नक्षत्र स्वामी सूर्य 4 में होकर 5 का स्वामी है। उप स्वामी बुध 3 में होकर 2-3-6 का स्वामी है। इस प्रकार राहु 4-5 का कारक और 1-4-2-3-10-6 से संबंधित है। इस तरह भुक्ति स्वामी राहु 3-10 का कारक है।
भारत कुंडली के कंपोजिट चार्ट का दशा स्वामी: भुक्ति स्वामी शनि बुध के नक्षत्र और भारत कुंडली में शुक्र के उप में है। शनि 4 में होकर 10-11 का स्वामी है। नक्षत्र स्वामी बुध 3 में होकर 2-3-6 क स्वामी है। उप स्वामी शुक्र 4 में होकर 1 का स्वामी है। कोई ग्रह इसके नक्षत्र में नहीं है। यह 1-2-3-10 का कस्प उप स्वामी है। इस तरह शनि 3-2-6 का कारक व 4-10-11-1-2-3 से संबंधित है। इस तरह 10 का उप स्वामी 3-10-11 का सूचक है।
मेरा अभिमत
भारत-बीजेपी कंपोजिट चार्ट के दसवें कस्प का उप स्वामी भाजपा चार्ट के 3-10-11 का इशारा कर रहा है। भारत-भाजपा कंपोजिट चार्ट के दसवें कस्प का उपस्वामी भारत कुंडली में 3-10 का इशारा कर रहा है। भारत-कांग्रेस आई के कंपोजिट चाटर् का दसवें कस्प का उप स्वामी 3-10 का इशारा कर रहा है। भारत-कांग्रेस आई कंपोजिट चार्ट के दसवें कस्प का उप स्वामी 3-10-11 का कतई इशारा नहीं कर रहा है।
कंपोजिट चार्ट दशा और भुक्ति स्वामी दोनों के ही अच्छे भावों को शो कर रहे हैं। लेकिन जैसा कि ऊपर बताया गया है कि भारत-कांग्रेस आई के कंपोजिट चार्ट के दसवें कस्प उप स्वामी 3-10-11 भावों के सूचक नहीं हैं, लिहाजा कांग्रेस की इस बार सरकार नहीं बन रही है। लेकिन भाजपा की कुंडली यह स्पष्ट कह रही है कि वह सत्ता में आ रही है। भारत-भाजपा के कंपोजिट चार्ट में दसवें कस्प का उप स्वामी 8 भाव का सूचक भी है, इसका मतलब है कि भाजपा के लिए सत्ता में आना आसान नहीं होगा। वह कई अवरोध, बाधाओं, समस्याओं का सामना करेगी, सरकार बनाना आसान नहीं होगा।
लेखक – कनक बोसमिया
केपी एस्ट्रो साइंस मैग्जीन अंक – 11, लेख – 10