गजकेसरी योग बनाता है प्रतिष्ठित और धनवान
Gajkesari Yog brings Fame and Wealth
ज्योतिषशास्त्र में गुरू और चन्द्रमा (Guru and Chandra | Jupiter and Moon) दोनों को शुभ ग्रह कहा गया है। कुण्डली में गुरू और चन्द्रमा एक साथ बैठे होते हैं (गुरु और चंद्रमा की युति | Jupiter and Moon Conjunction) तब गजकेसरी योग बनता है। इस योग का अर्थ है हाथी पर बैठा शेर। ज्योतिषशास्त्री चन्द्रप्रभा बताती हैं कि, इस योग को राजयोग की श्रेणी में रखा गया है। जिस व्यक्ति की कुण्डली में यह योग बनता है वह बुद्धिमान और दीर्घायु होता है। धर्म-कर्म में इनकी रूचि होती है। ऐसे व्यक्ति जिस क्षेत्र में होते हैं उनमें निरंतर प्रगति की ओर बढ़ते रहते हैं।
यह योग उन स्थितियों में भी बनता है जब गुरू और चन्द्रमा एक दूसरे से चौथे, सातवें या दसवें घर में होता हैं। ज्योतिष के ग्रंथ बृहत्पाराशरहोराशास्त्र (Vrihat Parashar Hora Shastra) में कहा गया है कि चन्द्रमा और गुरू के बीच संबंध नहीं भी हो और केवल गुरू चौथे, सातवें या दसवें घर में शुभ स्थिति में बैठा हो तब भी गजकेशरी योग बनता है।
इस योग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस योग से प्रभावित व्यक्ति पढ़ने-लिखने में बहुत ही होशियार होते हैं। यह दयावान और विवेशील होते हैं। आमतौर पर इस योग वाले व्यक्ति उच्च पद पर कार्यरत होते हैं। अपने सद्गुणों के कारण मृत्यु के पशचात भी इनकी ख्याति बनी रहती है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और वॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन की कुण्डली में भी यह योग मौजूद है।
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