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रात को सोने से पहले : शक्तिशाली ज्‍योतिषीय उपचार Powerful astrological remedies every night

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रात को सोने से पहले : शक्तिशाली ज्‍योतिषीय उपचार Powerful astrological remedies every night

ज्‍योतिष के साथ यह भ्रांति बहुत गहरे तक धंसी हुई है कि ज्‍योतिषीय उपचार केवल रत्‍नों, यज्ञ, हवन अथवा उपासना से ही हो सकते हैं। हालांकि इन उपचारों से मना नहीं किया जा सकता, लेकिन अधिकांश मामलों में ऐसे उपचारों की जरूरत भी नहीं होती है।

मेरा स्‍पष्‍ट रूप से मानना है कि ब्रह्माण्‍ड की एक नैसर्गिक लय है, पृथ्‍वी भी उसी लय का अनुसरण करती है और यहां पैदा होने वाले सभी जीव भी उसी लय में हैं। इसमें केवल जीवन मृत्‍यु ही नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका भी शामिल है। विचारशक्ति वाले मनुष्‍य ने नैसर्गिक जीवन पद्धति को छोड़कर जीवन जीने के ऐसे साधन अपना लिए हैं जो देखने में तो सुविधा देने वाले लगते हैं, लेकिन वास्‍तव में वे साधन हमें नैसर्गिक लय से दूर लेकर जाते हैं।

ज्‍योतिषीय गणनाओं के दौरान हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि किसी भी जातक की नैसर्गिक लय क्‍या है। उस लय से जातक कितना भटका हुआ है और किन प्रयोगों से जातक फिर से पुरानी लय प्राप्‍त कर सकता है। क्‍योंकि जो लय में है वही भाग्‍यशाली है। ऐसे सभी प्रयोग जो लय को पुन: प्राप्‍त करने में मदद करते हैं, उन्‍हें हम ज्‍योतिषीय उपचार की श्रेणी में डाल देते हैं।

अब जरूरी नहीं कि ये उपचार हमेशा रत्‍न, दान, साधना, उपासना अथवा यज्ञ हवन के रूप में ही हों। किसी जमाने में जब ज्‍योतिषीय गणनाएं कठिन एवं श्रमसाध्‍य हुआ करती थीं और ज्‍योतिषियों का पालन केवल राजाओं के बस की ही बात थी, तब ज्‍योतिष का अधिकांश रूप दरबारी हुआ करता था। कालांतर में गणनाओं ने सुभीते ने आम लोगों तक ज्‍योतिष की पहुंच बनाई है। ऐसे में उपचारों के स्‍तर पर भी हमें दरबारी साधनों की अपेक्षा दैनिक जीवन में उपयोगी प्रयोगों की जरूरत महसूस होती है।

दैनिक जीवन में उपयोगी ज्योतिष उपचार

हालांकि वैदिक ज्‍योतिष में भी ऐसे में उपचारों के बारे में संकेत मिलते हैं, लेकिन वहां अधिकांश जोर परंपरागत साधना पद्धतियों का ही अधिक दिखाई देता है। बाद में लाल किताब में ग्रहों की स्थिति, युति और दृष्टि संबंधों के आधार पर भी दैनिक जीवन में किए जा सकने वाले ज्‍योतिषीय उपचार को शामिल किया गया।

कृष्‍णामूर्ति पद्धति के आने के बाद तो हर वस्‍तु के ज्‍योतिषीय कोण का अध्‍ययन किया जाने लगा। पारे से लेकर पौधे तक और प्‍लास्टिक से लेकर साइकिल के चक्‍के तक सभी चीजों के ज्‍योतिषीय दृष्टिकोण और उन्‍हें ज्‍योतिषीय उपचार में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें से जिन प्रयोंगों के सटीक परिणाम मिल रहे हैं उन्‍हें स्‍थाई प्रयोगों के तौर पर शामिल किया जाने लगा है।

एक उदाहरण ऐसा भी है कि एक ज्‍योतिषी ने देखा कि जातक के लग्‍न में अकेला गुरू बैठा है और गुरू की अंतरदशा आने वाली है, प्रश्‍न कुण्‍डली से भी जातक के मानभंग के आसार बने हुई दिखाई दिए, तो ज्‍योतिषी ने जातक को सलाह दी कि आधी रात के समय अपने घर की छत पर नंगे घूमना, कम से कम एक बार यह प्रयोग अवश्‍य करना चाहिए। जातक ने ज्‍योतिषी की बात को हवा में उड़ा दिया। परिणाम यह हुआ कि कुछ दिन बाद ही जातक एक महिला कॉलेज के सामने किसी छात्रा की गाड़ी से भिड़ गया, अब जातक की गलती नहीं थी, सो वह भिड़ भी गया, परिणाम यह हुआ कि एकत्रित हुई भीड़ ने जातक की न केवल कुटाई की बल्कि उसके कपड़े तक फाड़ दिए। लगभग अर्द्धनग्‍न स्थिति में जातक अपने घर पहुंचा।

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इस मामले में ज्‍योतिषी ने जातक के मानभंग की स्थिति को भांप लिया और उसे उपचार के तौर पर रात के समय अपने घर की छत पर नंगा घूमने के लिए कह दिया। इससे भी मानभंग तो हो रहा था, लेकिन स्थितियों पर नियंत्रण था। चूंकि जातक ने यह उपचार नहीं किया सो उसे वास्‍तविक स्थितियों में उन्‍हीं घटनाओं का सामना करना पड़ा, जिसे ज्‍योतिषी टालने का उपचार बता रहा था।

इसी प्रकार घड़ी या बैल्‍ट पहनने, गायों को गुड़ या रोटी डालने, नहाने के बाद पूजा करने, सोने का समय निर्धारित करने, बिस्‍तर पर इत्र लगाने, सोने के कमरे में किसी विशेष रोशनी का बल्‍ब लगाने, धूप के इस्‍तेमाल, वस्‍त्रों के विशेष क्रम में पहनने, नहाते समय तक किए जाने वाले ऐसे प्रयोग, ज्‍योतिषीय उपचार होते हैं जो जातक को लय प्राप्‍त करने में मदद करते हैं।

यहां हम बात करेंगे कि जिन जातकों की कुण्‍डली में बारहवें भाव में कोई ग्रह बैठा हो तो किस प्रकार के दैनिक जीवन के बदलाव किस प्रकार सकारात्मकता ला सकते हैं।

  • जिन लोगों के बारहवें भाव में शुक्र हो उन्‍हें बिस्‍तर और तकिए पर इत्र लगाना चाहिए
  • मंगल हो तो लाल रंग का बल्‍ब लगाना चाहिए
  • सूर्य हो तो आंखों की दवा डालकर सोना चाहिए, आयुर्वेदिक, होम्‍योपैथी अथवा एलोपैथी कोई भी आंखों को रिलेक्‍स करने वाली दवा
  • चंद्रमा हो तो पर्सनल डायरी लिखें, इसमें दिन के रोजनामचे के बजाय आज के‍ दिन की फीलिंग्‍स लिखिए
  • राहु हो तो अपने कमरे में धूप जलाएं और समय पर सोने का अभ्‍यास करें, देरी से सोएंगे तो राहु का असर बढ़ जाएगा
  • केतू हो तो रात को सोने से पहले अगर थोड़ी देर नंगे पर कंकरीट वाली भूमि पर चलेंगे तो अच्‍छी नींद आएगी
  • शनि हो तो पूरी तरह अंधेरा करके सोएं, किसी भी कोने से रोशनी छनकर आ रही हो तो उसे बंद कर दें
  • बुध हो तो हल्‍का संगीत चलाकर रखें, शिड्यूल कर दें कि वह संगीत खुद ब खुद बंद हो जाए, अगर किसी मंत्र की पुनरावृत्ति वाला टूल हो तो और भी अच्‍छा है
  • गुरू हो तो सोने से पहले परिवार को सभी सदस्‍यों को संभाल आएं कि वे ठीक प्रकार सोने चले गए हैं या नहीं, इसके बाद नींद अच्‍छी आएगी।
  • और सोने से पहले गर्म दूध पीएं, यह चंद्रमा को मजबूत बनाता है। पैरों के तलवें धोएं, यह बारहवें भाव को शांत करता है