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कोरोना काल में नौकरी, व्यवसाय और रोजगार | Job, Business and Employment during Corona Pandemic

कोरोना काल में नौकरी, व्यवसाय और रोजगार | Job, Business and Employment during Corona Pandemic
कोरोना काल में नौकरी, व्यवसाय और रोजगार | Job, Business and Employment during Corona Pandemic

कोरोना काल में नौकरी, व्यवसाय और रोजगार
Job, Business and Employment during Corona Pandemic


कोरोना काल Corona Pandemic में नौकरी में अस्थिरता और व्‍यवसाय में तीव्र उतार चढ़ाव सामान्‍य बात है। महामारी ने एक ओर जहां कामकाजी लोगों को जबरन घर बैठा दिया है तो दूसरी ओर व्‍यवसाय करने वालों को भी अपने कार्यक्षेत्र के बारे में पु‍नर्विचार का मौका दिया है। इस अवधि में नौकरी अथवा धंधे में बदलाव किया जाना चाहिए या नहीं, इस बारे में ज्‍योतिषीय कोण से विचार कर लेना भी सटीक नीति हो सकती है।

जो जातक नौकरी में कठिन समय देख रहे हैं उन जातकों में से जिनकी दशा अनुकूल चल रही है, उन्‍हें तत्‍काल फेरबदल करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। जिन जातकों की कुण्‍डली में राहु की महादशा, केतु की महादशा चल रही हो अथवा शनि की महादशा शुरू ही हुई हो, उन्‍हें किसी भी सूरत में नौकरी में बदलाव के बारे में विचार नहीं करना चाहिए। यह कॅरियर के लिए खतरनाक निर्णय हो सकता है।

कृष्‍णामूर्ति संकेत करते हैं कि अगर दूसरे, छठे अथवा दसवें भाव के सिग्निफिकेटर अपना काम कर रहे हों, उसी दशा के दौरान नौकरी में परिवर्तन करना अनुकूल होता है। जिस दौर में लग्‍न, पंचम और नवम भाव ऑपरेट हो रहे हों, उस दौर में नौकरी बदलना कॅरियर को नुकसान पहुंचाने वाला साबित होता है।

राहु की दशा में अगर नौकरी बची रहे तो यह अनुकूलता है, इस अवधि में विकास के बजाय नौकरी बचाने पर अधिक ध्‍यान रखना चाहिए। केतु की दशा में अगर कार्य हाथ में है और नियमित प्रमोशन भी नहीं मिल रहे हों तो यह अनुकूल स्थिति है। केतु में व्‍यस्‍तता बनी रहना जरूरी है। गुरु की दशा समाप्‍त हुई हो और शनि की दशा शुरू हुई हो, उस दौर में नौकरी में बदलाव अधिकतर नुकसान पहुंचाने वाला सिद्ध होता है। अगर इस दौर में स्‍वत: बदलाव हो रहा हो तो ही उसे स्‍वीकार करें, अपने स्‍तर पर निर्णय करके नौकरी में परिवर्तन का प्रयास न करें।

बहुत से जातकों को लग रहा है कि अब नौकरी छोड़कर व्‍यवसाय का रुख करना चाहिए। वास्‍तव में इसके लिए कुण्‍डली में व्‍यवसाय के योग भी होने चाहिए। ज्‍योतिषीय दृष्टिकोण से व्‍यवसाय तीन प्रकार के हो सकते हैं।

उत्‍पादन : अगर आपकी कुण्‍डली में पंचम भाव बली है, दशा अनुकूल है और व्‍यवसाय के योग हैं, तभी आपको उत्‍पादन इकाई लगानी चाहिए। अगर पंचम भाव में राहु, केतु अथवा अन्‍य क्रूर ग्रह विराजमान हों तो इकाई लगाने पर शुरूआती परिणाम अच्‍छे आने के बावजूद अंतत: उत्‍पादन इकाई घाटे का सौदा रहती है।

विपणन : ट्रेडिंग वे जातक कर सकते हैं, जिनकी कुण्‍डली में बुध बली हो। दशम भाव, बुध और सप्‍तम भाव का अच्‍छा संबंध होने पर जातक ट्रेडिंग करता है। एकादश भाव से भी संबंध हो तो अच्‍छा लाभ अर्जित करता है, अगर द्वादश भाव से संबंध हो तो एजेंसी टाइप का काम करता है।

सेवाएं : अगर व्‍यवसाय के योग हों और योगकारक ग्रहों का संबंध छठे भाव से हो तो जातक को सेवा क्षेत्र में भाग्‍य आजमाना चाहिए।

अपनी कुण्‍डली में नौकरी अथवा व्‍यवसाय के योग जानने अथवा वर्तमान दशा के विश्‍लेषण के लिए आप मेरी सेवाएं ले सकते हैं। इसके लिए किसी भी कार्यदिवस पर दोपहर 12 से 5 बजे के बीच कॉल करें।